मोदी और योगी सरकार मुस्लिमों के साथ कर रही सौतेला बर्ताव: मौलाना असरार उल हक क़ासमी




बिहार किशनगंज से कांग्रेस के लोकसभा सांसद मौलाना असरार उल हक क़ासमी दारुल उलूम देवबंद की कार्यसमिति बैठक में भाग पहुँचे, जहां उन्होंने कई विशेष मुद्दों पर कार्यसमिति बोर्ड के सामने रखा।

मौलाना असरार उल हक क़ासमी ने मोदी सरकार की गलत नीतियों पर कड़ी आलोचना की वही उत्तर प्रदेश के योगी आत्यिनाथ के कार्यकाल में हो रहे हिंसाओं की भी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पिछले साढ़े चार सालों में देशभर में सांप्रदायिक भेदभाव, धर्म के नाम पर बंटवारा, मोब्लिंचिंग, हिन्दू मुस्लिम दंगे को बढ़ने दिया। देश के विकास और निर्माण में मोदी सरकार ने किसी भी प्रकार का कोई कार्य नही किया।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने मुसलमानों को निशाना बनाने के लिये कभी लव जिहाद, कभी घर वापसी, कभी गोकशी की अफवाहें फैलाई जा रही हैं।

मौलाना क़ासमी ने योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जब से योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी है, खुले आम हिंदुत्वा के एजेंडे पर काम कर रही है। योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य में जनहित के लिये विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए था लेकिन योगी जी सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने और सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिए हैं।



वही पिछले दिनों उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चार हज़ार उर्दू शिक्षकों की भर्ती रद्द करने के विषय में चर्चा करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ द्वारा चार हज़ार उर्दू शिक्षकों की भर्ती को रद्द करने लोकतंत्र के लिये शर्मनाक है। इससे साफ पता चलता है कि योगी आदित्यनाथ सरकार समुदाय विशेष और सांप्रदायिक विशेष के लिये ही कार्य कर रही है।

मौलाना असरार उल हक क़ासमी ने कहा कि गुजरात मे होने वाली घटना को रोका नही गया तो धीरे धीरे देशभर में इस प्रकार की घटना होंगी एक अपराधी की सज़ा पूरे उत्तर भारतीयों को देना और दस हज़ार के लगभग कारोबारियों और मज़दूरों को पलायन करने पर मजबूर कर देना शर्मनाक हरकत है।

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