हिंदूवादी संगठनों ने मीडिया सम्पादकों को भेजा पत्र, महिला पत्रकारों को रिपोर्टिंग पर आने की मनाही




सुप्रीम कोर्ट के 10 से 50 वर्षीय महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का अधिकार देकर सदियों पुरानी परंपरा को खत्म कर दिया था. 17 से 22 अक्टूबर के बीच मंदिर खुला था और महिलाओं के प्रवेश करने का प्रयास किया, लेकिन कोई सफल नहीं हो पाया.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सबरीमाला मंदिर सोमवार को फिर से एक बार खुल रहा है. सबरीमाला मंदिर का द्वार खुलने से पहले हिंदूवादी संगठनों ने मीडिया से कहा है कि इसकी कवरेज के लिए युवा महिला पत्रकारों को न भेजें.

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और हिंदू ऐक्यावेदी समेत हिंदूवादी संगठनों ने मीडिया संपादकों को भेजे गए एक पत्र में कहा गया, ‘इस मुद्दे पर भक्तों का समर्थन करने या विरोध करने के अपने अधिकार को स्वीकार करते हुए, हम उम्मीद करते हैं कि आप ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे स्थिति और बिगड़े.’



बताते चलें कि पिछले महीने जब मंदिर पांच दिनों के लिए मासिक पूजा के लिए खुला था तो इस अवसर की रिपोर्टिंग करने के लिए आईं महिला पत्रकारों से बदसलूकी की गई थी. उनके वाहनों को निशाना बनाया गया और प्रदर्शनकारियों के कारण उन्हें वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ा.

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