बिहार: गया समाहरणालय में दिशा की हुई बैठक




दिशा की बैठक में मौजूद लोग (फ़ोटो: सुफी)

-सैयद फैजुर रहमान सुफी

 

गया (बिहार), 24 जून, 2018 (टीएमसी हिंदी डेस्क)  डीएम अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में गया समाहरणालय सभाकक्ष में जिला स्तरीय समन्वय एवं अनुश्रवण समिति दिशा  की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सर्वप्रथम डीएम ने आए हुए सभी  सांसद, विधायक, प्रमुख एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत गुलदस्ता देकर किया। बैठक में आए मुख्य अतिथि के रुप में गया सांसद हरि मांझी, जहानाबाद सांसद अरुण कुमार, सुशील कुमार सिंह, सांसद औरंगाबाद-सह-चेयरमैन ‘दिशा’, डॉ प्रेम कुमार, कृषि मंत्री बिहार एवं  लक्ष्मी देवी, जिला पार्षद, गया उपस्थित थे।



निदेशक डीआरडीए  संतोष कुमार ने बैठक में उपस्थित सभी लोगों से पिछली बैठक में उठाए गए सवालों और समस्याओं से अवगत कराया तथा समीक्षा की गयी कि उक्त कार्यों का निष्पादन हुआ या नहीं। बैठक के क्रम में पानी की समस्या को रखा गया। बताया गया कि अनेक स्थलों पर बोरिंग से पानी नहीं लाया जा सकता इसलिए चिन्हित गांव में कुआं बनवाया जा सकता है, जिससे ग्रामीणों को लाभ मिल सके। इस संबंध में डीएम ने निदेशक, डीआरडीए को निर्देश दिया कि उन सभी चिन्हित गावों में मनरेगा के तहत कुआं बनवाना सुनिश्चित करें।

बैठक में बताया गया कि टिकारी प्रखंड के बोली पंचायत में जलमीनार बना हुआ है। लेकिन वहाँ पर जनसंख्या कम होने के कारण उसका उपयोग नहीं हो पाता है। पीएचईडी को निर्देशित किया गया कि जल समस्याओं को देखते हुए उनकी ज़िम्मेदारी बढ़ गई है, इसलिए जगह जगह जाकर इसे जल्द से जल्द ठीक करना सुनिश्चित करे। साथ की डुमरिया प्रखंड के संबंध में बताया गया कि संवेदक अपने मन से बोरिंग करते हैं, सूची के अनुसार काम नहीं होता है। इस संबंध में कार्यपालक अभियंता लोक शिकायत अभियंत्रण विभाग द्वारा बताया गया कि दस संवेदकों द्वारा बोरिंग का काम किया जा रहा है। जिनमें से तीन संवेदकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

सांसद औरंगाबाद सुशील कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा एक प्रस्ताव आया है कि गंगा नदी का पानी गया में अंडरग्राउंड पाइप से उपलब्ध कराया जा सकता है। किन्तु पानी की शुद्धिकरण करने के बाद ये देखना होगा कि वह पानी पीने के योग्य है या नहीं। बैठक में बताया गया कि बथानी एवं कोच प्रखंड कार्यालय में कोई भी कर्मी और पदाधिकारी नहीं रहते हैं। सिर्फ आते हैं और हस्ताक्षर पंजी में हस्ताक्षर कर के चले जाते हैं। डीएम ने निदेशक डीआरडीए को अगले सप्ताह दोनों प्रखंड कार्यालय का जांच करने हेतु निर्देशित किया। बैठक में बताया गया कि डुमरिया, बांकेबाज़ार, इमामगंज के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में कुत्ता काटने का इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में डीएम के पूछने पर सिविल सर्जन ने बताया कि जितनी दवाओं की मांग होती है, उतनी नहीं मिलती है। इसलिए इंजेक्शन उपलब्ध नहीं कराया जाता है। बताया गया कि डुमरिया अस्पताल में महिला डॉक्टर के नहीं रहने के कारण संस्थागत प्रसव के क्रम में तथा महिला मरीजों की देखरेख में समस्याएं होती है। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि जिस प्रखंड के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में महिला डॉक्टर नहीं है वहां महिला डॉक्टर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। बताया गया कि गुरारू प्रखंड अंतर्गत डिहा पंचायत में एक भी कर्मचारी नहीं है। अस्पताल बना हुआ है परंतु उसमें कोई भी कर्मी के न रहने के कारण समस्या है। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को जल्द से जल्द कर्मचारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। नीमचक बथानी के प्रमुख ने बताया कि उनके प्रखंड के सड़क की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। इस पर  सांसद औरंगाबाद ने नाराजगी जताई साथ ही डीएम ने निदेशक डीआरडीए को प्रखंड नीमचक बथानी जाकर सड़कों की जांच करने का निर्देश दिया।

बैठक में बताया गया कि परैया प्रखंड के बगैया पंचायत में प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत महादलित वर्ग के जितने भी लाभुक है उनके बैंक पासबुक एक विशेष व्यक्ति अपने पास रखता है, जो पैसे आने पे लाभुकों से छीन लेता है इसलिए माननीय सांसद औरंगाबाद ने निदेशक डीआरडीए को निर्देश दिया कि पदाधिकारियों की एक विशेष टीम गठित करते हुए बैगया पंचायत में जाकर इस विषय में एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा कर 15 दिनों के अंदर जिलाधिकारी को प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। बैठक में बताया गया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रोग्राम पदाधिकारी टिकारी स्वेच्छाचारी ढंग से काम करते हैं। इसकी जांच करने के लिएजिलाधिकारी ने निदेशक डीआरडीए को आदेश दिया एवं कहा कि शिकायत सही पाये जाने पर कारवाई की जाए।

डीएम ने बताया कि लोक शिकायत निवारण के तहत सुनवाई के समय सबसे ज्यादा मामला प्रधानमंत्री आवास योजना का ही मिलता है। सूची में नाम न होने के बाद भी उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल जाता है। उन्होंने कहा कि इस पर वे बहुत सख्त है। विद्युत विभाग के संबंध में भी बहुत सारी शिकायतें की गईं। जिनमें एक शिकायत टिकारी प्रखंड के रहने वाले डॉक्टर नवल किशोर की है, जो एक क्लीनिंग चलाते हैं और जिनका एक डोमेस्टिक मीटर है। उन्हें जानकारी दिए बगैर उनके क्लीनिक पर छापेमारी करते हुए उनकी बिजली काट दी गयी। साथ ही ₹100000 का जुर्माना कर दिया गया। आगे से ऐसा ना हो यह निर्देश जिलाधिकारी ने बिजली विभाग को दिया। निदेशक डीआरडीए को निर्देश दिया गया कि प्रखंड में जांच के दौरान बिजली विभाग के कार्यालय में भी जाकर उपभोक्ताओं की शिकायतों का निष्पादन कितने दिनों में किया जाता है, इसकी भी जांच करें।

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