
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अगस्त 2020 के मन की बात काफी चर्चा में है. चर्चा इसलिए है क्योंकि यह सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के मन की बात का सबसे अधिक नापसंद किया जाने वाला वीडियो है.
मन की बात आकाशवाणी के अलावा भाजपा, नरेंद्र मोदी और पीआईबी के यूट्यूब अकाउंट पर प्रसारित होता है. इन तीनों यूट्यूब अकाउंट को मिलाकर आज तक इसे 10 लाख से ज़्यादा लोगों ने नापसंद किया है.
मन की बात के इस एपिसोड में प्रधानमंत्री ने भारतीय खिलौने पर 10 मिनट से अधिक बात की और खिलौने खेलने से लेकर खिलौने बनाने पर बल दिया.
बहुत सारे लोग इस बात को लेकर अचरज में हैं कि मन की बात के दो दिन बाद शुरू होने वाले NEET-JEE की परीक्षा पर प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा. कोरोना और बाढ़ से ग्रस्त लोगो की मांग रही थी कि इस परीक्षा को कुछ और दिनों तक टाला जाता. इसको लेकर विद्यार्थियों में भारी रोष है. आज से जेईई की परीक्षा ली जा रही है. NEET की परीक्षा 13 सितम्बर को होगी.
मन की बात की वीडियो पर बहुत सारे व्यूअर ने इसको लेकर टिप्पणी की है. अधिकतर लोगों का यह कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी को NEET-JEE पर बात करनी चाहिए थी. अभी जो शिक्षा नीति पारित होने वाला उस पर बात करनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

मुकेश अंबानी द्वारा ब्रिटिश खिलौना कंपनी का सौदा
यह संयोग है या नियोजित यह पुष्टि नहीं की जा सकती लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का ऐसे समय में खिलौने पर बात करना जब मुकेश अंबानी ने ब्रिटेन की खिलौने की सबसे बड़ी कंपनी Hamleys को ख़रीदा और उनकी कंपनी रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड (Reliance Brands Limited) इसका देश में विस्तार की योजना बना रही है.
बीबीसी अंग्रेज़ी के अनुसार, मुकेश अम्बानी की स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड ने चीन के सी बैनर इंटरनेशनल से विश्व की सबसे पुराणी खिलौने की कंपनी Hamleys को खरीद लिया है. चीनी कंपनी ने Hamleys को 2015 में ख़रीदा था. रिलायंस ने किस राशि में इसे ख़रीदा है इसे रिलायंस द्वारा नहीं बताया गया है.
Hamleys की शुरुआत 1760 में की गयी थी और यह दुनिया का खिलौने का सबसे बड़ा खुदरा विक्रेता है जिसकी दूकान 18 देशों के 167 स्थानों पर है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत में 29 शहरों में पहले से Hamleys के स्टोर चला रहा था लेकिन अब यह इसका मालिक होगा.
“Hamleys ब्रांड का पूरे विश्व में अधिग्रहण हमारी चिर प्रतीक्षित अभिलाषाओं की पूर्ति है,” रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड ने सीईओ दर्शन मेहता ने अपने एक ब्यान में कहा.
नियोजित या संयोग?
दोनों हो सकता है. प्रधानमंत्री का NEET-JEE जैसे विषय पर न बोल कर खिलौने में देश को आत्म निर्भर बनाने की बात का संबंध रिलायंस की दुनिया की सबसे पुरानी खिलौना कंपनी की ख़रीद से हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है.
हो इसलिए सकता है कि क्योंकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी से बहुत गहरे हैं.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कई बार प्रधानमंत्री का उपयोग किया है. सितम्बर 2016, जिओ के लांच पर रिलायंस ने लगभग सभी बड़े समाचार पत्रों पर विज्ञापन दिया था जिसमें प्रधानमंत्री की बड़ी तस्वीर लगाई गयी थी. इस विज्ञापन में कहा गया था कि “समय के सफ़र में, ऐसा पल आता है जो जीवन को बदल देने वाला पल होता है. डिजिटल इंडिया का हमारे प्रधानमंत्री का प्रेरक विज़न ऐसा ही एक पल है. जिओ 1.2 बिलियन भारतीयों के लिए हमारे प्रधान मंत्री के डिजिटल इंडिया के विज़न को समर्पित है. जिओ डिजिटल लाइफ हर भारतीय को डाटा की शक्ति देगा, हर सपने को पूरा करेगा और साथ साथ भारत को ग्लोबल डिजिटल लीडरशिप की ओर ले जाएगा.
इसी तरह रिलायंस के एक प्राइवेट हॉस्पिटल सर एच एन रिलायंस हॉस्पिटल का उद्घाटन प्रधान मंत्री ने ही 25 अक्टूबर 2014 को किया था. इस अवसर पर प्रधानमंत्री का बड़ी आत्मीयता के साथ नीतू अंबानी के साथ हाथ मिलाने का चित्र वायरल भी हुआ था.

प्रधान मंत्री के पिछले रिकॉर्ड से ऐसा कहा जा सकता है कि रिलायंस की ख़रीदारी और पीएम के मन की बात में कोई सीधा कनेक्शन हो सकता है.
ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि प्रधान मंत्री बिना सोचे समझे कोई बात नहीं कह सकते. वह स्क्रिप्ट पूरे मंथन के बाद तैयार होता है. और प्रधान मंत्री ने न केवल भारतीय खिलौने का उल्लेख किया बल्कि रवीन्द्र नाथ टैगोर का भी ज़िक्र किया जो निस्संदेह बंगाल चुनाव को लेकर उनकी तैयारी का हिस्सा समझा जा रहा है.
ऐसे राजनीतिक विशेषज्ञ प्रधानमंत्री की गुरुदेव स्टाइल में दाढ़ी रखने को भी उनका बंगाल में इमेज बिल्डिंग का एक तरीका बताते हैं.