
मोदी है तो मुमकिन है का नारा चरितार्थ होता जा रहा है. मिसाल पेश करते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने अपनी 21 लाख की निजी बचत को कुंभ सफाई कर्मचारी कॉरपस फंड को दान कर दिया. पिछले महीने उन्होंने सियोल शांति पुरस्कार से मिली करीब डेढ़ करोड़ की राशि भी नमामि गंगे के लिए दान कर दी थी.
Prime Minister Narendra Modi donated Rs. 21 lakh from his personal savings to the corpus fund for the welfare of sanitation workers of Kumbh Mela.
This is just the latest in the series of such steps taken by PM Modi.
— PMO India (@PMOIndia) March 6, 2019
प्रधानमंत्री मोदी कार्यालय ने इसकी सूचना ट्वीट से दी. प्रधान मंत्री कार्यालय से किए गए ट्वीट में प्रधान मंत्री मोदी के पहले किए गए मदद की चर्चा है. पीएम मोदी को पिछले महीने फरवरी में दक्षिण कोरिया में प्रतिष्ठित सियोल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था. उन्होंने इस सम्मान के साथ मिली दो लाख डॉलर (करीब 1.3 करोड़ रुपये) की पुरस्कार राशि महत्वाकांक्षी नमामि गंगे कार्यक्रम को दान कर दी.
प्रधानमंत्री मोदी पिछले दिनों प्रयागराज में कुंभ मेले में शामिल हुए थे. उन्होंने कुंभ मेले में यात्रा के दौरान यहां की सफाई से जुड़े सफाईकर्मियों की तारीफ की थी. 8,000 से ज्यादा सफाईकर्मी पिछले 3 महीने से कुंभ को साफ रखने में जुटे हैं. इस दौरान उन्होंने 5 सफाईकर्मियों के पैर भी धोए थे जो सोशल मीडिया में खूब वायरल भी हुआ था. इसके बाद मोदी ने उन्हें अंगवस्त्र देकर उनका आभार जताया और धन्यवाद भी किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा पंडाल में स्वच्छाग्रहियों और सुरक्षा कर्मियों को सम्मानित भी किया. उन्होंने दो नाविकों राजू और लल्लन को भी पुरस्कृत किया.
इससे पहले, अप्रैल 2015 में नेपाल में आए भूंकप के बाद पीड़ितों की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेअपनी एक महीने की सैलरी प्रधानमंत्री राहत कोष में दान की थी.
मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात के सरकारी ड्राइवरों और चपरासियों की कन्याओं के कल्याण के लिए एक खास तरह का कोष शुरू करने के लिए अपनी निजी बचत से 21 लाख रुपये दान कर दिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने तब दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले कहा था कि इस कोष को एक ऐसे फाउंडेशन के रूप में ऐसे विकसित किया जाएगा कि जिसमें भविष्य में आम लोग भी दान कर सकें. यह सीधे मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की देखरेख में संचालित किया जाएगा.
इससे पहले 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद मिले 18,710 गिफ्ट को उन्होंने दान कर दिया था, इन उपहारों की नीलामी से करीब 90 करोड़ की राशि एकत्र हुई और इसके जरिए कन्या शिक्षा के लिए कोष बनाया गया.