मोदी सरकार का बड़ा दाव: सवर्णों को मिलेगा नौकरी और पढाई में 10% आरक्षण, तेजस्वी ने कहा तो फिर हमें 90% मिले आरक्षण




जातिगत आरक्षण के विरोध में प्रदर्शनकारी (फ़ोटो: ट्विटर)

मोदी सरकार ने तीन राज्यों को गंवाने के बाद 2019 आम चुनाव से पहले बड़ा दाव फेंका है. मोदी कैबिनेट ने सोमवार को सवर्णों के लिए नौकरी और पढाई में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया है. इस निर्णय के लिए मंगलवार को मोदी सरकार सदन में संविधान संशोधन बिल ला सकती है.

सूत्रों के अनुसार, एससी/एसटी संशोधन बिल के बाद सवर्णों की नाराज़गी को कम करने का यह पैतरा आज़माया जा रहा है. हालांकि यह संशोधन तभी लागू हो सकता है जब राज्य सभा में भी इसे पास करा लिया जा सके. भाजपा को अभी राज्य सभा में दो तिहाई बहुमत नहीं है इसलिए राज्य सभा में बिना कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों की मर्जी के बगैर बिल पास करना असंभव है. इसी कारण मुस्लिम महिलाओं से संबंधित तलाक बिल भी अभी लंबित है.



ऐसे में भाजपा का यह बड़ा दाव माना जा रहा है. कांग्रेस भाजपा का अगर यह बिल राज्य सभा में पास होने में सहयोग नहीं करती है तो कांग्रेस के विरुद्ध सवर्णों का गुस्सा फूट सकता है.

ऐसे केंद्र सरकार के इस आरक्षण की मंज़ूरी पर राजनीति गर्म होना शुरू हो गया है. बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर 15 प्रतिशत आबादी को 10% आरक्षण मिलेगा तो उस हिसाब से 85% आबादी को 90% आरक्षण तो मिलना ही चाहिए.

आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस निर्णय का स्वागत किया और कहा कि इसे पास करवाएं वरना यह जुमला होगा. केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा “चुनाव के पहले भाजपा सरकार संसद में संविधान संशोधन करे। हम सरकार का साथ देंगे। नहीं तो साफ़ हो जाएगा कि ये मात्र भाजपा का चुनाव के पहले का स्टंट है”

वहीं नेशनल कांन्फ्रेंस के नेता उमर अबदुल्ला ने कहा है कि गरीब सवर्णों को आरक्षण. चुनाव की घोषणा का बिगुल बज चुका है.

Liked it? Take a second to support द मॉर्निंग क्रॉनिकल हिंदी टीम on Patreon!