
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के इशारे पर नीति आयोग ने जो कुछ भी किया है उससे देश के मान-सम्मान को क्षति पहुंची है। पार्टी ने इस संस्थान को खत्म करने की मांग की।
विपक्षी दल ने इस कदम का बचाव करने के लिये वित्त मंत्री अरुण जेटली की आलोचना की। कांग्रेस ने इसे ‘‘भारतीय सांख्यिकी की शुचिता पर जोरदार प्रहार’’ बताया है।
कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘नीति आयोग के संशोधित जीडीपी आंकड़े एक मजाक है। यह एक ‘बेहुदा मजाक’ है। असल में यह ‘बेहुदा मजाक’ से भी बदतर है। यह सब नीति आयोग का किया धरा है। अब समय आ गया है कि इस बेकार निकाय, नीति आयोग, को बंद कर दिया जाये।’’
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने भी संस्था की निंदा करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के अहम को तुष्ट करने के लिये जीडीपी आंकड़ों में फर्जीवाड़ा कर और भारतीय अर्थव्यवस्था के दयनीय प्रदर्शन तथा कुप्रबंधन को छुपाकर सांख्यिकी मंत्रालय एवं नीति आयोग ने देश के मान सम्मान को नुकसान पहुंचाया है।’’
पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, वृद्धि दर के संशोधित आंकड़े नये आधार वर्ष 2011-12 के नये फार्मूले पर आधारित है। यह वैश्विक स्तर पर अधिक तुलनीय है क्योंकि यह भारतीय अर्थव्यवस्था का अधिक व्यापक प्रतिनिधित्व करता है और वास्तविक स्थिति को प्रतिबिंबित करता है।
वृद्धि दर के आंकड़ों में संशोधन को लेकर कांग्रेस की आलोचना पर बरसते हुए जेटली ने कहा कि इस पार्टी ने इसी सीएसओ की संप्रग के अंतिम दो साल के आंकड़ों में संशोधन और उसमें वृद्धि को लेकर सराहना की थी और यहां तक कहा था, ‘‘जीडीपी की नयी श्रृंखला से यह स्थापित हो गया कि हमने अर्थव्यवस्था का कुप्रबंधन नहीं किया।’’
New Data :
Growth faster under NDA than UPA
True growth in :
Jumlas
manipulating (CSO , NSSO's data)
falsifying outcomes (eg on paper 'electrified' villages in reality 'darkness')lies (eg Oct.29, 2017 Modi said Govt. launched DBT scheme . Launched in 2013 under UPA .)
— Kapil Sibal (@KapilSibal) November 29, 2018