
नई दिल्ली : केन्द्र की भाजपा सरकार ने कहा कि नोटबंदी के दौरान नोट बदलने के लिए बैंकों की लाइन में लगे लोगों की मौत की सूचना सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने दी है। एसबीआई की लाइन में लगे सिर्फ एक ग्राहक तथा बैंक के तीन कर्मचारियों की मौत हुई थी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा को एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है|
जेटली ने कहा कि नोटबंदी के दौरान लाइन में खड़े होने से, सदमे से और काम के दबाव आदि से मौत और मुआवजे के बारे में एसबीआई को छोड़कर किसी अन्य सरकारी बैंक ने कोई सूचना नहीं दी है।
जेटली ने बताया कि उस शख्स के परिवार को तीन लाख रुपये और बैंक कर्मचारियों के परिवार को 44.06 लाख रुपये बतौर मुआवजा दिए गए। सीपीएम सांसद ई. करीम ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट वापस लेने और नष्ट करने तथा नए नोट जारी करने पर रिजर्व बैंक द्वारा खर्च किए गए पैसे, लाइन में लगे लोगों की मौत के बारे में सूचना मांगी थी।
इतना ही नहीं जेटली ने कहा कि नोटबंदी से पहले 2015-16 में नोटों की छपाई पर 34.21 अरब रुपये खर्च हुए थे जबकि 2016-17 में 79.65 अरब रुपये और 2017-18 में 49.42 अरब रुपये खर्च हुए।