
आम चुनाव जैसे जैसे नज़दीक आ रहे हैं वैसे वैसे अल्पसंख्यक और दलित समुदाय के लोगों पर उत्पीड़न का मामला बढ़ता नज़र आ रहा है. दो दिन पहले गुजरात में एक दलित लड़के को पेड़ में बाँध कर पीटने की खबर आई तो वहीँ साथ साथ गुडगाँव में 20 से 25 लोगों की भीड़ एक मुस्लिम घर में घुस कर लोगों की पिटाई की और पाकिस्तान जाओ की धमकी भी दी. अभी दोनों मामले ठन्डे भी नहीं हुए कि एक ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश से आया है जहाँ कुछ लोगों ने सालों से बने इमामबाड़ा को तोड़ने के विरोध में 60 साल के एक बुज़ुर्ग की पीट पीट कर हत्या कर दी.
जनसत्ता की खबर के अनुसार, यह मामला उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के परसोई गाँव का बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि मुहर्रम का ताज़िया रखने का चबूतरा (इमामबाड़ा) कुछ लोग तोड़ने की कोशिश कर रहे थे. बुज़ुर्ग ने जब विरोध किया तो लोगों ने उसे पीट-पीट कर मार डाला.
ओबरा थाने में दर्ज एफ़आईआर के अनुसार, मृतक की शिनाख्त मुहम्मद अनवर के रूप में हुई है. इसके अनुसार आरोपियों ने अनवर को उस समय पीट पीट कर मार डाला जब वह इमामबाड़ा तोड़ने का विरोध किया. एफ़आईआर में 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इस मामले का मुख्य आरोपी रविन्द्र खरवार है जो आरएसएस से जुड़ा है और सरकारी स्कूल का टीचर है.
अनवर के बड़े भाई नईम गाजीपुरी ने बताया “करीब महीने पहले खरवार सरकारी स्कूल का टीचर बनाकर आया था. उसके बाद उसने कंक्रीट के इस इमामबाड़े के पास उसने (आरएसएस) संघ की शाखा लगाना शुरू कर दिया.
नईम के मुताबिक, कंक्रीट का यह इमामबाड़ा 2007 में गाँव के प्रधान ने मुहर्रम के दौरान ताजिया रखने के लिए बनवाया था. वहीँ, गाँव के सभी लोग मुहर्रम के दौरान कार्यक्रम में शामिल होते थे. करीब 6 महीने पहले यह टीचर गाँव में आया था. उसने कुछ ग्रामीणों को भड़काया तो उनहोंने इसे तोड़ दिया. बाद में, प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद दोनों समुदायों में समझौता हो गया और इमामबाड़ा दोबारा बना दिया गया.
करीब एक महीने पहले कुछ लोगों ने इस इमामबाड़े को फिर तोड़ दिया. इस बार भी इसे दोबारा बना दिया गया. होली की पूर्व संध्या (20 मार्च) को कुछ लोग इस इमामबाड़े के पास आए और उसे तोड़ने लगे. एफ़आईआर दर्ज कराने वाले मुहम्मद ऐनुल ने बताया कि मेरे पिता ने विरोध जताया तो लाठी-डंडों, कुल्हाड़ी से लैस करीब 20 लोगों ने इन्हें पीट कर मार डाला.
इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई है लेकिन मुख्य आरोपी रविन्द्र खरवार फरार है.
मृतक के पुत्र मोहम्मद शकील का कहना है कि इस मामले को पुलिस के संज्ञान में पहले ही लाया गया था। इस बात को लेकर पहले भी मारपीट हो चुकी थी। पुलिस ने इसको गंभीरता से नहीं लिया, जिसकी वजह से पिता को अपनी जान गंवानी पड़ी है।