
दंगे के दौरान भड़काऊ भाषण और बगैर प्रशासन की अनुमति के जनसभा के आरोपी सांसदों, विधायकों और हिंदू एवं मुस्लिम संगठनों के तमाम नेताओं के विरुद्ध ये मुकदमे अभी तक स्थानीय अदालतों में लंबित थे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दंगे के दस मामलों सहित कुल 35 जनप्रतिनिधियों से संबंधित मुकदमे उच्च न्यायालय की विशेष बेंच में स्थानांतरित कर दिए गए हैं।
सात सितंबर 2013 को मुजफ्फरनगर और शामली में भड़के दंगे के दस मामलों समेत 35 मुकदमों की सुनवाई अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जनप्रतिनिधियों के लिए गठित विशेष बेंच में होगी।
पांच साल से ये सभी मुकदमे विभिन्न अदालतों में चल रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दंगे से जुड़े 10 मुकदमों समेत कुल 35 वादों की पत्रावली विशेष वाहक से सोमवार को उच्च न्यायालय इलाहाबाद भेज दी गई है। अब जनप्रतिनिधियों से जुड़े सभी मुकदमों की सुनवाई वहीं होगी।
बताते चले कि केंद्र सरकार ने 11 सितंबर को उच्चतम न्यायालय को जानकारी दी कि प्रदेश समेत देश के 11 राज्यों में जनप्रतिनिधियों से जुड़े मुकदमों की सुनवाई के लिए 12 विशेष अदालतें गठित करने की अधिसूचना जारी की है।