
सीबीआई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन हिंसा मामले में आरोपपत्र तैयार है, लेकिन जांच एजेंसी इस बात पर चर्चा कर रही है कि एक पूर्ण आरोपपत्र दाखिल किया जाए या फिर प्रत्येक पीड़ित के मामले में अलग-अलग आरोपपत्र हो।.
जस्टिस मदन बी लोकूर की पीठ को जांच ब्यूरो ने इस संबंध में चर्चा के बारे में बताया क्योंकि इसमें कुछ अलग पीड़ित और गवाह भी हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि वह इस बारे में जल्द ही निर्णय लेगी। इस मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जांच ब्यूरो से जानना चाहा कि क्या आयकर विभाग ने उन करीब साढ़े चार करोड़ रुपये के बारे में कार्यवाही शुरू की, जो इस आश्रय गृह का संचालन करने वाले गैर सरकारी संगठन को पिछले दस साल के दौरान बिहार सरकार से मिले थे।
सीबीआई के वकील ने कहा कार्यवाही शुरू की गई है। पीठ ने इस मामले को जनवरी के पहले हफ्ते के लिए सूचीबद्ध करते हुए जांच ब्यूरो से कहा कि वह मामले की प्रगति के साथ ही आयकर विभाग की कार्यवाही से भी उसे अवगत कराए।