नजीब क्यों बना है खोया सितारा…




सीबीआई ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसने जेएनयू छात्र नजीब अहमद के मामले को बंद करने की रिपोर्ट दर्ज करने का फैसला किया है. इस मामले में जहाँ CBI ने नजीब केस में जांच पूरी होने की बात कही.

लेकिन इन सब में फातिमा नफीस (नजीब की माँ) ने CBI पर अपना विरोध दर्ज़ करने की बात कही. उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुआ कहा कि आरोपी छात्रों से पूछताछ ना होने की बात कही.

नजीब मामले में सीबीआई ने कोर्ट को यह भी बताया था कि अभी तक उसकी जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जो दिखाए कि कोई अपराध हुआ है. न ही उसे ऐसी कोई सामग्री मिली जिसके आधार पर वह उन नौ छात्रों को गिरफ्तार करे या कोई कार्रवाई करे, जिन पर नजीब के परिवार को शक है कि उन्होंने ही उसे गायब किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की पीठ को एजेंसी द्वारा बताया गया कि वह संदिग्धों के मोबाइल फोन से कोई सुराग नहीं पा सकी है.

आपको बताते चलें कि नजीब जेएनयू के माही मांडवी छात्रावास से 15 अक्टूबर 2016 को गायब हो गया था. घटना से एक रात पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े कुछ छात्रों के साथ उसका विवाद हुआ था. हालांकि, जब दिल्ली पुलिस को सात महीने बाद भी उसके मिलने की कोई जानकारी नहीं मिली, तो हाईकोर्ट ने मामले की जांच पिछले साल 16 मई को सीबीआई को सौंप दी.

हालांकि तमाम जज़्बाती बातों से हटकर, बतौर नागरिक नजीब के लिए उनकी माँ फातिमा नफीस की नम आँखों को देखकर यक़ीनन कभी बहुत बेबसी सी लगती है तो कभी ज़ुल्म के खिलाफ इन्साफ के लिए लड़ने की हिम्मत… ठीक उसी तरह जैसे गुजरात दंगों में मारे गए एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री और रोहित वेमुला की माँ राधिका वेमुला इन्साफ की हर लड़ाई में संघर्ष करते छात्रों के लिए प्रेरणा हैं.

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