हत्या केस में बुरे फसें सुशासन बाबू, नहीं मिली राहत




पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हत्या के एक मामले में फंसे मर्डर केस से राहत देने की दलील पेश करने में लगे रहे. लेकिन कोर्ट ने अगली तारीख लगा दी है.

सीएम नीतीश कुमार के समर्थन में उतरी वकीलों की फौज हाईकोर्ट से नीतीश के खिलाफ केस खत्म नहीं करा पायी. हां, फौरी तौर पर राहत जरूर मिली. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई को 17 जनवरी तक के लिए टाल दिया है.

पटना हाईकोर्ट में आज जस्टिस ए. अमानुल्लाह की कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान नीतीश कुमार का पक्ष रखने के लिए देश भर के दिग्गज वकीलों को बुलाया गया था. देश के जाने माने वकील सुरेंद्र सिंह खास तौर पर जबलपुर हाई कोर्ट से पटना बुलाया गये.

दरअसल 27 साल पुराना मामला है. 1991 में बाढ़ संसदीय क्षेत्र में हो रहे चुनाव में नीतीश कुमार उम्मीदवार थे. 16 नवंबर 1991 को मतदान के दौरान पंडारक थाने के ढ़ीबर गांव में बूथ पर फायरिंग हुई जिसमें कांग्रेसी कार्यकर्ता सीताराम सिंह का मर्डर हो गया. पुलिस ने मामले की जांच कर फाइनल रिपोर्ट सौंप दी, जिसमें नीतीश कुमार का नाम नहीं था.



लेकिन इस घटना में FIR कराने वाले अशोक सिंह ने कोर्ट में परिवाद दायर किया और नीतीश कुमार पर रायफल से गोली चलाकर सीताराम सिंह की हत्या करने का आरोप लगाया.

31 अगस्त 2010 को बाढ़ कोर्ट ने दो गवाहों का बयान सुनने के बाद नीतीश कुमार को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश जारी कर दिया. नीतीश कुमार को 9 सितंबर 2010 को कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया था.

बाढ़ कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ नीतीश कुमार पटना हाईकोर्ट चले गये. हाईकोर्ट ने बाढ़ कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है और आज उसकी तारीख थी.

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