
नई दिल्ली, 26 सितम्बर | भारत ने मंगलवार को अफगानिस्तान में अपनी सेनाओं की तैनाती से इनकार किया। भारत का हालांकि कहना है कि वह युद्धग्रस्त क्षेत्र में स्थिरता लाने में मदद के लिए अपनी विकास गतिविधियों में विस्तार करेगा।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के रक्षा सचिव जेम्स मैट्टिस के साथ वार्ता के बाद संवाददाताओं को बताया, “अफगानिस्तान में भारतीय सैनिक नहीं रहेंगे।”
मैट्टिस ट्रम्प प्रशासन के पहले उच्च अधिकारी हैं जो भारत इस मंशा से आए कि भारत अफ़ग़ानिस्तान में अपनी सेना को रखने को लेकर रूख में कोई परिवर्तन करेगा।
सीतारमण ने कहा कि भारत का अफ़ग़ानिस्तान में बाँध बनाने, स्कूल स्थापित करने, सड़कें और दूसरी संस्थाओं के निर्माण में वर्षों से भूमिका रही है और आवश्यकता पड़ने पर इन कार्यों को आगे भी करेंगे।
“हम वहां अच्छा शासन चलाने के लिए वहां के अधिकारीयों को इस समय प्रशिक्षित कर रहे हैं… भारत वहां वर्षों से सहयोग कर रहा है और आवश्यकता हुई तो आगे भी करेंगे।” भारतीय रक्षा मंत्री ने कहा।
उनहोंने यह भी कहा कि भारत ट्रम्प की नई अफ़ग़ानिस्तान नीति का समर्थन करता है और फिर आगे कहा कि मैट्टिस के साथ “शांतिपूर्ण, लोकतान्त्रिक, स्थायी, और खुशहाल अफ़ग़ानिस्तान के समान लक्ष्य को पाने में द्विपक्षीय के साथ साथ अफ़ग़ानिस्तान सरकार को सहयोग देने पर” अच्छी बात-चीत रही।
मैट्टिस ने भारत के योगदान को सराहते हुए कहा कि “हम विशेष रूप से अफ़ग़ानिस्तान में भारत के सहयोग की सराहना करते हैं और अफ़ग़ानिस्तान में लोकतंत्र, स्थायित्व, सुरक्षा में सहयोग करने के प्रयासों का अभिनन्दन करते हैं। हम इस क्षेत्र में भागीदारी तैयार करने के लिए अपना सहयोग बढ़ाना चाहते हैं।”
सीतारमणन ने कहा कि क्षेत्र में आतंकवाद के मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच तालमेल बढ़ रहा है और भारत हर उस देश की निंदा करता है, जो अपने देश की नीति के रूप में आतंकवाद का इस्तेमाल करता है।