
राजधानी से सटे नोएडा के सेक्टर-58 के एक सरकारी पार्क में नमाज पढ़ने पर रोक का पुलिस का फरमान सियासी विवाद में घिर गया है। पुलिस ने इस इंडस्ट्रियल एरिया की कंपनियों को नोटिस भेजकर कहा है कि उनके कर्मचारी इस पार्क में बिना इजाजत नमाज न पढ़ें, वरना कार्रवाई होगी।
18 दिसंबर को मौलवी समेत दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, 21 दिसंबर को पार्क में नमाज रोक दी गई. पार्क में नमाज को लेकर कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें मस्जिद जाने में वक्त लगता है, सैलरी कट जाती है।
इस पर कांग्रेस, एसपी, बीएसपी आदि ने सवाल उठाए, वहीं यूपी के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने पलटवार किया है। बीजेपी, वीएचपी आदि भी सामने आ गए हैं। पुलिस ने सफाई में कहा है कि नमाज पर रोक नियमों के तहत ही लगाई गई है। आम चुनाव से पहले सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए यह जरूरी है।
इससे पहले गुड़गांव में भी खुले में नमाज पढ़ने पर विवाद हुआ था, जिसके बाद वहां रोक लगा दी गई थी।
नोएडा के मामले पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि जब से यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी है, तनाव का माहौल हो गया है। इस पर यूपी के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है, लेकिन किसी दूसरे की प्रॉपर्टी पर ऐसा करने से पहले उसकी इजाजत लेनी जरूरी होती है।
VHP नेताओं ने कहा कि यदि किसी पार्क या सड़क पर खुले में नमाज की इजाजत दी गई तो जोरदार विरोध किया जाएगा.