
सरदार बल्लभ भाई पटेल को समर्पित विशाल कांस्य स्मारक का बुधवार को अनावरण किए जाने के बाद से ही अत्यधिक खर्चे के लिए इस प्रोजेक्ट की निंदा की जा रही है। ब्रिटेन का कहना है कि भारत एक अमीर देश है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर ब्रिटेन ने भारत पर तंज करते हुए कहा है कि हमसे 100 करोड़ का कर्ज लेकर भारत 3300 करोड़ की मूर्ति बना रहा है।
ब्रिटेन का आरोप है कि उसके पैसे से मदद लेकर भारत ने यह मूर्ति बना दी। ब्रिटेन के एक सांसद पीटर बोन ने कहा, “हमारे द्वारा दी गई सहायता से 330 मिलियन खर्च करने का मामला बहुत अजीब है। यह साबित करता है कि हमें भारत को पैसा नहीं देना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि यह पूरी तरह भारत के ऊपर है कि वे अपने पैसे कैसे खर्च करते हैं, लेकिन अगर वे इतनी महंगी मूर्ति का खर्च बर्दाश्त कर सकते हैं, तो यह स्पष्ट है कि वह एक अमीर देश है जिसे हमें सहायता देने की आवश्यकता नहीं है।”
दरअसल इंजीनियरिंग परियोजना 2012 में शुरू हुई, जब ब्रिटेन ने भारत को 300 मिलियन पाउंड का कर्ज दिया था। 2013 में एक 268 मिलियन पौंड का अनुदान दिया गया। 2014 में यह आंकड़ा 278 मिलियन पौंड और 2015 में यह आंकड़ा 185 मिलियन पौंड का था।