
इमरान खान ने कहा कि अगर चुनाव मोदी के खिलाफ जाता है तो भारत पाकिस्तान के खिलाफ़ और कुछ सैन्य कार्रवाई कर सकता है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Prime Minister) ने कहा कि उन्हें लगता है कि भारत के साथ शांति वार्ता का एक बेहतर मौका हो सकता है यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गुरुवार से शुरू होने वाले आम चुनाव में जीत जाती है।
खान ने कहा कि अगर अगली भारतीय सरकार विपक्षी कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की अगुवाई में आती है, तो विवादित भारतीय नियंत्रित कश्मीर को लेकर वह दक्षिणपंथी के डर से पाकिस्तान के साथ समझौता करने से हिचकिचाएगी।
खान ने विदेशी पत्रकारों के एक समूह को अपने दिए गए एक साक्षात्कार में कहा, “शायद अगर बीजेपी – दक्षिणपंथी पार्टी – जीतती है, तो कश्मीर में किसी तरह का समझौता हो सकता है।”
मोदी राज में कश्मीर और देश के मुस्लिमों में विरक्ति
खान जो पिछले वर्ष अगस्त में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पद संभाला है ने कहा कि वह ऐसा इसके बावजूद कह रहे हैं जब मोदी राज में कश्मीर और भारत के मुसलमान विरक्ति झेल रहे हैं।
“मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत में अभी जो हो रहा है वह मैं देखूँगा,” पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टार ने कहा। “भारत में मुसलमान होने पर हमला किया जा रहा है।”
खान ने कहा कि जो भारतीय मुसलमान वर्षों पहले भारत में अपनी स्थिति को लेकर खुश थे आज चरम हिंदू राष्ट्रवाद को लेकर बहुत चिंतित हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी, इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तरह ही, “भय और राष्ट्रवादी भावना” के आधार पर चुनावी प्रचार में लगे हुए हैं।
खान का भारत को शांति वार्ता की पेशकश
खान ने भारत के साथ शांति वार्ता की पेशकश करते हुए कहा कि इस्लामाबाद देश से सभी पाकिस्तानी मिलिशिया को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है, और सरकार को इस के लिए पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना का पूरा समर्थन है। इनमें कश्मीर में सक्रीय समूह भी शामिल हैं।
परमाणु-सशस्त्र पड़ोसी पाकिस्तान और भारत दोनों पूर्ण रूप से कश्मीर का दावा करते हैं, लेकिन दोनों का इसके एक हिस्से पर ही शासन है।
क्रॉस फायर की सज़ा कश्मीरियों को
खान ने कहा कि कश्मीर एक राजनीतिक संघर्ष है और इसका कोई सैन्य समाधान नहीं है. उनहोंने आगे कहा कि पाकिस्तान से सशस्त्र आतंकवादी के सीमा पार जाने के परिणामस्वरुप भारतीय सेना की कार्रवाई से कश्मीरियों को नुकसान उठाना पड़ता है।
पाकिस्तान और भारत के बीच का संबंध, जो 1947 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से तीन युद्ध लड़ चुके हैं, कश्मीर में फरवरी में एक आत्मघाती बम विस्फोट में 40 भारतीय अर्धसैनिक बलों के मारे जाने के बाद फरवरी में संकट में पहुंच गया है।
इस्लामाबाद ने 14 फरवरी के हमले की जिम्मेदारी से इनकार किया है, जिसका दावा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने लिया था, लेकिन बमबारी के फ़ौरन बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया था।
पाकिस्तान ने भी भारत के हवाई हमलों का जवाब दिया।
आत्मघाती हमले और बाद की कार्रवाई से भाजपा को लाभ
चुनावी पंडितों का कहना है कि आत्मघाती बम हमले और भारत सरकार की तेजी से प्रतिक्रिया के बाद भारत में देशभक्ति की लहर चली है जिससे मोदी और भाजपा की सरकार को लाभ होने की संभावना है।
खान ने कहा कि अगर चुनाव मोदी के खिलाफ जाता है तो भारत पाकिस्तान के खिलाफ़ और कुछ सैन्य कार्रवाई कर सकता है.
आगामी चुनाव चरणों में आयोजित होगा और 19 मई को समाप्त होगा। परिणाम 23 मई तक आएगा।
भारत पाकिस्तान पर फिर हमला कर सकता है
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को चेतावनी दी थी कि इस्लामाबाद के पास “विश्वसनीय खुफिया सूचना” है कि भारत इस महीने फिर से हमला करेगा। भारत ने दावे को गैर-जिम्मेदार बताया था।
खान ने कहा कि पाकिस्तान के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उसके संबंध अपने पड़ोसियों, अफगानिस्तान, भारत और ईरान के साथ शांतिपूर्ण रहे, ताकि वह 10 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने वाली अर्थव्यवस्था बन सके।
(Reuters से साभार)