
बिहार के बाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद सतीश दुबे को आज पटना हाई कोर्ट के जस्टिस हेमंत श्रीवास्तव के बेंच ने 20 साल पुराने रंगदारी के बाद हत्या के मामले में नोटिस भेजा है।
यह मामला गौरी शंकर आर्य नामक कपड़ा व्यवसाई की रंगदारी के बाद हत्या से जुड़ा हुआ है. इनकी हत्या 1999 में हुई थी. इस मामले में गौरी शंकर आर्य के पुत्र ने अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराया था. बाद में, गवाहों के ब्यान के आधार पर सतीश चन्द्र दुबे जो कि वाल्मीकि नगर से अभी भाजपा के सांसद हैं का नाम आया था. लेकिन सबूतों के अभाव में 31 जनवरी, 2018 को पश्चिमी चंपारण, बेतिया के एडिशनल जज ने उन्हें अपराधमुक्त कर दिया था.
इसके बाद पटना उच्च न्यायालय में परिवार ने अपील दायर किया. हाई कोर्ट के जज हेमंत श्रीवास्तव की बेंच ने इसे सुना और सभी रिकॉर्ड को देखने के बाद सोमवार को भाजपा सांसद सतीश चन्द्र दुबे के अतिरिक्त चार अन्य वशिष्ट पाण्डेय, के पी सिन्हा उर्फ़ मुन्ना सिंह, गुड्डू चौबे, बब्लू श्रीवास्तव और पंकज अग्रवाल को नोटिस भेजा है. इन लोगों पर पहले से ही कई आपराधिक मामले हैं.
गौरी शंकर आर्य के पुत्र विनोद आर्य के वकील दिनू कुमार ने द मॉर्निंग क्रॉनिकल को बताया कि सतीश चन्द्र दुबे के खिलाफ कई सबूत पाए गए जिनके आधार पर उच्च न्यायालय ने उन्हें नोटिस भेजा है.
इस नोटिस से एक बात साबित हो जाती है कि सतीश चन्द्र दुबे के आने वाले दिन आसान नहीं होंगे.
सतीश चन्द्र दुबे से द मॉर्निंग क्रॉनिकल की टीम ने उनके दिल्ली के मोबाइल पर संपर्क किया लेकिन कई बार रिंग होने के बावजूद उनहोंने नहीं उठाया. बिहार का उनका नंबर बंद आ रहा है.
भाजपा सांसद नरकटियागंज के हर्शारी गाँव के रहने वाले हैं. वह 2005 से 2014 तक तीन बार विधान सभा के सदस्य रहे और 2014 में सांसद बने.