
–सैयद फैजुर रहमान सुफी
पटना (बिहार), 22 जून, 2018 (टीएमसी हिंदी डेस्क) बिहार की राजधानी पटना के अगमकुआं थाना क्षेत्र में नाबालिग सब्जी विक्रेता पंकज कुमार ने जब पुलिस वालों को मुफ्त में सब्जी नहीं दी तो उसे झूठे मुकदमे में फंसा दिया। पंकज पर लूट, चोरी और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया।
पंकज की उम्र 14 साल बतायी गयी है। पंकज कुमार के माता पिता पिछले तीन महीने से इंसाफ के लिए दरवाजे- दरवाजे भटक रहे थे। पंकज की मां ज्ञांती देवी ने इंसाफ की गुहार के लिए राज्यपाल को भी पत्र लिखा था। मामला 19 मार्च 2018 के शाम 7.30 बजे का है।पंकज की मां ने बताया की पत्रकार नगर थाना की पुलिस मेरे मकान का पता लगा कर आयी। फिर मेरे पुत्र का नाम, पता पूछा और जबर्दस्ती उसे जीप में बैठा कर लेते गये।उन्होंने बताया की मेरे पुत्र को अगमकुआं थाना कांड संख्या 87/18 में नामजद अभियुक्त बना दिया गया है। फिर उसे बेऊर जेल में भेज दिया गया। उसकी उम्र 14 साल है। उसका पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
मीडिया में जैसे ही खबर आयी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जांच का आदेश दे दिया। सीएम नीतीश कुमार के जांच के आदेश के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गयी।
इस मामले में शुक्रवार को पंकज के माता-पिता ने मामले की जांच कर रहे पटना जोन के आईजी नैयर हसनैन खां से मुलाकात की। पीड़ित परिवार ने अपने बेटे पंकज के साथ हुई नाइंसाफी की पूरी बात आईजी के समक्ष रखी। पंकज के पिता ने बताया कि आईजी नैयर हसनैन ने उनकी पूरी बात सुनने के बाद बेउर जेल में बंद उनके बेटे से मुलाकात कर पूछताछ करने की बात की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि उनके साथ इंसाफ होगा।पंकज की मां ने प्रमाण में आधार कार्ड प्रस्तुत किया है। फिर सवाल उठता है उसे किस तरह जेल भेजा गया। आरोप है कि पुलिस ने उसे बालिग दिखा कर जेल भेजा है।