
राफेल डील को लेकर वकील प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जिसमे कोर्ट से सीबीआई जांच की निगरानी करने का आग्रह किया है।
याचिका में कहा गया है कि सीबीआई ने चार अक्टूबर को दी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की है। याचिका में दावा किया गया है कि सीबीआई पर दबाव चरम पर है जिसके कारण वह निष्पक्ष तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ है।
साथ ही याचिका में कहा गया है कि उनकी शिकायत में दर्शाए गए अपराधों की केन्द्रीय जांच ब्यूरो से समयबद्ध तरीके से जांच कराने और जांच की प्रगति रिपोर्ट समय-समय पर शीर्ष अदालत को सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
हालांकि राफेल सौदे पर पहले दाखिल की गईं दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सील कवर में सौदे से जुड़ी प्रक्रिया की जानकारी दाखिल करने को कहा है। इसकी सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी।
गौरतलब है कि प्रशांत भूषण और अरुण शौरी ने 4 अक्टूबर को तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से मुलाकात की थी और राफेल लड़ाकू विमान सौदे से जुड़ी ऑफसेट निविदा में कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग की थी। अब आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद बदली हुई परिस्थिति में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दावा किया गया है कि उनकी शिकायत पर FIR नहीं हुई, क्योंकि सीबीआई पर काफी दबाव था, जिस वजह से एजेंसी अपने दायित्व का निर्वहन निष्पक्षता से नहीं कर पाई।