बिहार के बेचारे गरीब और क़र्ज़दार मंत्री




-समीर भारती

जितना गरीब बिहार है उससे अधिक गरीब बेचारे यहाँ के मंत्री हैं. इतने गरीब कि किसी के पास तो 50 हजार रुपए नकदी भी नहीं हैं. और हम समझते हैं कि इन मंत्रियों के पास तो हजारो करोड़ो रुपए कहीं दबे पड़े हुए होंगे. आए दिन एक दुसरे पर जो आरोप प्रत्यारोप लगते हैं उससे पता चलता है कि इनके पास जनता की गाढ़ी कमाई से दी गयी टैक्स का बड़ा हिस्सा कहीं न कहीं छिपा होगा लेकिन यह सब मेरा भ्रम निकला जब इन्होंने अपना अपना ब्यौरा पेश किया. मैंने अपना मंत्री बनने का सपना ही त्याग दिया. सोचा था कि मंत्री बनने के बाद कम से दो चार सौ करोड़ रुपए तो हाथ लगेंगे ही लेकिन यह क्या यह तो सब के सब फिसड्डी हैं. कुछ मंत्रियों के इतने कर्जे हैं कि हमें अब चिंता होने लगी है कि यह बेचारे इन कर्जों को कहाँ से चुका पाएंगे.

हमारे नीतीश बाबू के पास तो मात्र 38039 ही रुपए हैं. इतने सालों से रह रहे मुख्यमंत्री की यह दशा. बड़ी बेचारगी है भाई! इसी से लगता है कि देश बहुत गरीब हो गया है. जब मंत्रियों का यह हाल है कि उनके पास 50 हजार रुपए तक नहीं तो आम आदमी का क्या? इससे तो अच्छा यह था कि यह लोग किसी प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी ही बन जाते. तब इससे ज़्यादा इनके पास होता.

हमारे सुशील कुमार मोदी तो एकदम से फक्कड़ हैं. उनकी पत्नी जो कहीं शिक्षिका रही हैं के पास उनसे अधिक धन है. मोदी के पास मात्र 44300 रुपए हैं जबकि उनकी पत्नी के पास मात्र 35500 रु. नकद हैं। उपमुख्यमंत्री के पास 1,26,68,448 रु. जबकि पत्नी के पास 1,65,77,774 रुपए की चल संपत्ति है। बेचारी पत्नी ने किसी तरह शिक्षिका से कमाई का एक एक पाई जोड़ा होगा तो इतना अर्जित किया होगा. झूठ मुठ का उप मुख्य मंत्री बने रहे. अगर मियां बीवी ने शिक्षा को ही अपना पेशा बना लिया होता तो आज सुखी होते.

हमारे बिहारी सीएम के पास मात्र 38039 रु. हैं जबकि उनके पुत्र के पास मात्र 9697 रुपए कैश है। इससे ज़्यादा कैश तो मेरे पास हैं. लानत है सीएम पुत्र होने पर. किसी चपरासी के बेटे होते तो इससे ज़्यादा जेब गर्म रहता. खैर, सीएम के पास 16.28 लाख की चल संपत्ति है। दिल्ली में 40 लाख रुपए के एक फ्लैट भी है। शायद प्रधानमंत्री बनने की लालसा में लिया होगा. वह भी ईएमआई ही से लिया होगा. सीएम के बेटे के पास चल संपत्ति 1,39,82,680 रुपए और 1,48,81,694 अचल संपत्ति है। मतलब संपत्ति कुल पौने तीन करोड़ रुपए की है. स्वर्गवासी माँ ने जमा की होगी! वह भी सुना कि कहीं शिक्षिका थीं.

राम कृपाल यादव के यहाँ कभी छोटा मोटा काम करने वाले श्याम रजक के पास थोडा बहुत धन आया है. वह भी उनहोंने पाई पाई करके जमा किया होगा. श्याम रजक को गाड़ियों का बहुत शौक़ है इसलिए उनके पास स्काॅर्पियो, होंडा, टोयोटा जैसी कुछ गाड़ियां हैं।

अशोक चौधरी के पास मंत्रियों में सोना सबसे ज़्यादा है. उनके पास 1 किलो 170 ग्राम सोना है. सोना है तो ठीक ही है. काम आएगा उंच नीच होने पर.

इसी तरह से, नन्द किशोर यादव की दशा बहुत चिंतित करने वाला है. बेचारे के पास पथ निर्माण मंत्री होते हुए भी एक बजाज सुपर स्कूटर ही है। बहुत बुरे दिन हैं इनके भाई. कम से कम आप एक चार पहिया वाहन तो ईएमआई पर खरीद ही लेते. कब तक सरकारी गाडी की सवारी करिएगा?

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार बिहारी गरीबों की श्रेणी में हैं. इनकी कुल संपत्ति 35.87 लाख रुपए है जबकि उन पर 27.36 लाख रुपए का कर्ज है। मतलब कर्ज़ चुकाने के लिए जो है सब बेचना पड़ सकता है. इनके पास मात्र एक हीरो होंडा मोटरसाइकिल है।

हमारे कुछ मंत्री अमीर भी हैं. इन्हें देख कर ऐसा लगता है कि मंत्री बना जा सकता है. उदाहरण के लिए नगर विकास विभाग मंत्री सुरेश शर्मा की कुल संपत्ति 9,22,09,901 रुपए की है।

बिहार सरकार के दूसरे सबसे अमीर मंत्री महेश्वर हजारी (योजना विकास विभाग) हैं। उनकी कुल संपत्ति 8,24,98,460 रुपए है।

भाजपा के मन्त्री प्रेम कुमार के पास बंदूकें सबसे ज्यदा है. संस्कार से शकाहारी प्रेमकुमार ने शायद बंदूकें आम तोड़ने के लिए रखा होगा. बन्दूक की गोली से आम तोडने की कल्पना मात्र ही बहुत रोमांचित करने वाला है.

सबसे ज़्यादा मुझे चिंता अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद की है. उन पर 80 लाख रुपए का कर्ज़ है भाई. बेचारे ने 2010 के बाद लगता है बहुत उधार ले लिया है. क्योंकि उनहोंने अपने 2010 के एफिडेविट में मात्र 2 ही लाख के कर्ज़ का ही उल्लेख किया है.

सोचता हूँ कि अल्प संख्यक के मंत्री हैं और इतना क़र्ज़ अदा नहीं कर पाएँगे तो थोड़ी बहुत मदद मुस्लिम संगठनों से करवा ही दें. बेचारे का कर्ज़ तो कम से कम अदा हो जाए.

(यह व्यंग है लेकिन इसमें निहित अर्थ को समझना ही समझदारी है. )

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