
कई दिनों तक सुर्ख़ियों में रहने के बाद कर्नाटक में बनी भाजपा की सरकार एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है. इस बार विधायक के ख़रीद बिक्री का आरोप नहीं है और न ही इसके अस्थिर होने की अभी कोई आशंका को लेकर यह सुर्खी है. इस बार की सुर्खी का कनेक्शन सात साल पुराना है.
दरअसल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने उस नेता को डिप्टी सीएम बनाया है, जो 2012 में मंत्री रहते हुए विधानसभा में पोर्न देखते पाए गए थे. इनका नाम लक्ष्मण सावदी है. लक्ष्मण सावदी इस बार न विधायक हैं और न ही विधान परिषद सदस्य, फिर भी उन्हें डिप्टी सीएम दिया गया है. ऐसे नेता को डिप्टी सीएम का पद दिए जाने पर भाजपा की राज्य इकाई में घमासान मच गया है. पार्टी के ही नेता पोर्न के शौकीन इस नेता को डिप्टी बनाए जाने को लेकर विरोध जता रहे हैं.
दरअसल, मुख्मयंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक में जातियों के बीच संतुलन साधने के लिए तीन उपमुख्यमंत्रियों का एलान किया. जिसमें लक्ष्मण सावदी, गोविंद एम करलोज और अश्वत्थ नारायण का नाम शामिल है. इनमें से लक्ष्मण सावदी किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. फिर भी उन्हें डिप्टी सीएम बनाने का फैसला किया गया.
बीजेपी के ही विधायक रेनुकाचार्य ने सावदी को उपमुख्यमंत्री का पद दिए जाने पर सवाल उठाया है. विधायक का कहना है कि चुनाव में हारे हुए व्यक्ति को इतना बड़ा पद देने के पीछे क्या मजबूरी है?
गौरतलब है कि 2012 में विधानसभा चल रहा था. उस दौरान कैमरों की नजर तीन मंत्रियों की तरफ गई. तीनों विधायक मोबाइल पर पोर्न देख रहे थे. तस्वीरें बाहर सामने आने पर हंगामा मच गया था. इसमें एक मंत्री लक्ष्मण सावदी थे. विपक्ष के हंगामा मचाने पर तीनों मंत्रियों को बाद में इस्तीफा देना पड़ा था.
ज्ञात रहे कि सत्रह विधायकों के सदन से गायब रहने और कथित तौर पर भाजपा से मिलने जाने के बाद जद (एस) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार कर्नाटक में गिर गयी और बीते 26 जुलाई को बीजेपी ने राज्य में सरकार बनाई. कांग्रेस और जद (एस) का आरोप रहा कि भाजपा ने उन सत्रह विधायकों को मोटी रक़म दे कर ख़रीद लिया. 22 दिनों बाद मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अपना कैबिनेट गठित किया.
20 अगस्त को 17 मंत्रियों ने शपथ ली थी. सोमवार को उन्हें विभागों का बंटवारा हुआ. इस बीच तीन डिप्टी सीएम भी बनाने की मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने घोषणा की थी. इसमें लक्ष्मण सावदी का नाम भी है. क्योंकि लक्ष्मण सावदी चुनाव हारने के बावजूद डिप्टी सीएम बनने में सफल रहे.