
राफेल सौदे पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इसके साझेदारों के नाम तभी सामने लाए जाएंगे जब विमान मिलने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि राफेल की आपूर्ति में फ्रांस की कंपनी दैसो और दो या तीन अन्य कंपनियां भी हिस्सेदारी कर रही हैं। इन सबको अलग-अलग लक्ष्य दिए गए हैं।
दरअसल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने उद्योगपति मित्र को ऑफसेट सप्लाई का 35 हजार करोड़ का ठेका दिलवा दिया। पार्टी ने सरकार से पूछा कि मनमाने तरीके से एक निजी कंपनी को साझेदार क्यों बनाया। कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री ए के एंटनी भी मौजूद थे उन्होंने दलील दी कि फ्रांस की सरकार ने कभी भी कीमत बताने से इनकार नहीं किया।
सीतारमण ने कहा, ‘‘कांग्रेस के लगाए आरोप बेबुनियाद हैं।’’ उन्होंने कहा कि विपक्ष के सवालों और संदेहों को पहले ही दूर किया जा चुका है। वे इस मामले पर बार-बार अपना ही रुख बदल रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमने एक भी सवाल छिपाया नहीं और न उन्हें रोकने की कोशिश की। विपक्ष यहां से वहां भटक रहा है।’’
वही कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने राफेल का एग्रीमेंट मनमाने तरीके से बदल दिया।