2जी घोटाले में राजा, कनिमोझी सहित सभी आरोपी बरी 




A Raja and Kanimozhi. Photo credit: Hindustan Times.

मॉर्निंग क्रॉनिकल हिंदी डेस्क

नई दिल्ली, 21 दिसंबर | दिल्ली की विशेष अदालत ने गुरुवार को कथित 2जी घोटाले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा व डीएमके सांसद कनिमोझी सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया। राजा व कनिमोझी को 2008 में दूरसंचार स्पेक्ट्रम व लाइसेंस जारी करने के लिए रिश्वत लेने के आरोपों में जेल जाना पड़ा था।


विशेष न्यायाधीश ओ.पी.सैनी ने कहा कि सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले में नामित 33 व्यक्तियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रहे हैं।

इस घोटाले की वजह से कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को 2014 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।

सीबीआई आरोपियों के खिलाफ किसी तरह के साक्ष्य पेश करने में असफल रहे।

इसमें कहा गया, “आरोप पत्र में दर्ज तथ्य गलत हैं जैसे कि वित्त सचिव ने प्रवेश शुल्क में संशोधन की पुरजोर सिफारिश की. राजा द्वारा लेटर ऑफ इंटेट (एलओआई) के मसौदे के खंड को हटाने व ट्राई द्वारा प्रवेश शुल्क की सिफारिश करने की बात जैसे तथ्य गलत हैं।”

न्यायाधीश ने कहा, “मैं स्पष्ट रूप से बेहिचक कहता हूं कि अभियोजन किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई भी आरोप साबित करने में पूरी तरह से विफल रहा है।”

यह तथाकथित घोटाला नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की 2010 की एक रिपोर्ट के बाद सामने आया, जिसमें दावा किया गया था कि दूरसंचार मंत्रालय द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने व कुछ कंपनियों को कम कीमतों पर लाइसेंस देने से राष्ट्रीय खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

टाइम मैगजीन ने इसे अमेरिका के ‘वाटरगेट’ घोटाले के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा घोटाला बताया था। भाजपा ने इसे संसद में जोरदार तरीके से उठाया व तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर चुप रहने का आरोप लगाया।

राजा पर कुछ चुने लोगों के नियमों में ढील देने व बदलाव करने और कथित तौर पर कर्ज के रूप में डीएमके की कालिंगर टीवी के लिए 200 करोड़ रुपये की रिश्वत प्राप्त करने का आरोप है।

सीएजी ने अयोग्य आवेदकों को लाइसेंस जारी करने का आरोप लगाया, जिन्होंने जानबूझकर तथ्यों को दबा दिया और अपूर्ण जानकारी दी।

राजा आखिरकार घोटाले का चेहरा बन गए। दूसरे आरोपियों में डीएमके की राज्यसभा सांसद कनिमोझी व डीएमके सुप्रीमो एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल रहीं।

फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में राजा ने मुस्कुराते हुए कहा कि वह फैसले से खुश हैं।

सीबीआई ने राजा पर 2जी मोबाइल एयर वेब्स व संचालन के लाइसेंस जारी करने में पक्षपात करने का आरोप लगाया था। इसमें कहा गया कि स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के बदले रिश्वत के तौर पर 200 करोड़ रुपये डीबी ग्रुप के कालिंगर टीवी को स्थानांतरित किए गए थे।

लेकिन न्यायाधीश सैनी ने सबूतों की कमी के कारण आरोपों को खारिज कर दिया।

–आईएएनएस

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