
नई दिल्ली : मानवाधिकार की सख्ती और सुरक्षा के तमात उपायों के बावजूद राजस्थान की जेलों में सजा काट रहे कैदियों के आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हकीकत यह है कि हर दूसरे महीने एक कैदी आत्महत्या कर रहा है.
2018 के शुरूआती महीने से लेकर अब तक चार कैदियों ने आत्महत्या की है. अगर वर्ष 2013 से अब तक के आंकड़े देखें जाएं तो राज्य में केंद्रीय और जिला कारागारों में सजा काटने के दौरान कुल 444 कैदियों की मौत हो चुकी है.
आकड़ों के मुताबिक इनमें से 33 कैदियों ने आत्महत्या की है. जेलों में होने वाली कैदियों की मौतों में करीब साढ़े सात प्रतिशत मौत आत्महत्या के रूप में हो रही है. आत्महत्या के मामलों में ज्यादातर कैदियों ने फांसी लगाकर जान दी.
हैरानी की बात यह है कि सबसे ज्यादा सुरक्षित मानी जाने वाली जेलों में भी आत्महत्याएं हो रही है. हालांकि राज्य सरकार ने अब तक इस मामले में कुछ नहीं कहा है बल्कि इन आत्महत्याओं के घटनों को लेकर मानवधिकार द्वारा राज्य सरकार ने जवाब तलब की है.