
2019 आम चुनावों से पहले मोदी सरकार ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों (जिनके परिवार की आया 8 लाख से कम है) को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने का फ़ैसला किया है. इसे मोदी सरकार का सवर्ण हिन्दुओं को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है हालांकि इसमें अशराफ मुसलमान और इसाई दोनों ही शामिल हैं.
कल इसे लोकसभा में पास किया था. यह बिल आज बहस के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया.
राज्यसभा में लगभग 10 घंटे तक चली बहस के बाद हुई वोटिंग में बिल के पक्ष में 165, जबकि विरोध में सिर्फ 7 वोट पड़े. राष्ट्रीय जनता दल और AIADMK को छोड़ कर बाक़ी सभी दलों ने इस बिल के समर्थन में वोट डाला.