
नई दिल्ली : रिजर्व बैंक और सरकार के बीच जारी खींचतान पर सोमवार को होने वाली बैठक में विराम लग सकता है। सोमवार को सरकार के सदस्यों और रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की होने वाली बैठक में दोनों पक्ष कुछ मुद्दों पर आपसी सहमति पर पहुंचने के पक्ष में हैं।
बैठक में वित्त मंत्रालय के नामित निदेशक और कुछ स्वतंत्र निदेशक गवर्नर उर्जित पटेल और उनकी टीम पर एमएसएमई को कर्ज देने और केंद्रीय बैंक के पास उपलब्ध कोष को लेकर अपनी बात रख सकते हैं।
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल इस्तीफे का दबाव होने के बावजूद बैठक में केंद्रीय बैंक की नीतियों का मजबूती से पक्ष रख सकते हैं और एनपीए को लेकर केंद्रीय बैंक की कड़ी नीतियों का बचाव कर सकते हैं।
रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल में 18 सदस्य हैं। हालांकि, इसमें सदस्यों की संख्या 21 तक रखने का प्रावधान है। सदस्यों में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और चार डिप्टी गवर्नर पूर्णकालिक आधिकारिक निदेशक हैं।
अन्य शेष 13 सदस्य सरकार द्वारा नामित हैं। इसमें वित्त मंत्रालय के दो अधिकारी आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग और वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार शामिल हैं।