
किसी का नाम लिए बगैर, जत्थेदार ने कहा, “जिस तरह से कुछ लोग कश्मीर की बेटियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं इससे भारत की छवि को नुकसान हुआ है. इस तरह की टिप्पणी महिलाओं को वस्तु की तरह पेश करता है.
कश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद हिन्दुवादी संगठनों के समर्थकों और भाजपा नेताओ के शर्मसार करने वाले बयान और सोशल मीडिया पर कश्मीरी महिलाओं को लेकर टिप्पणियां पर सिखों के सबसे बड़े पीठ के जत्थेदार ने शुक्रवार को पूरे सिख समुदाय से अपील की है कि वह आगे आएं और अपने धार्मिक दायित्व के तौर पर कश्मीरी महिलाओं की रक्षा करें.
श्री अकाल तख़्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अपने बयान में कहा कि “वाहे गुरु ने सभी इंसानों को समान अधिकार दिए हैं और किसी के लिंग, जाति और धर्म के आधार पर अंतर करना अपराध है. कश्मीर से 370 धारा के समाप्त किए जाने के बाद कश्मीरी महिलाओं को लेकर जिस तरह की टिप्पणियां जनता के चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा आ रहे हैं वह न केवल अपमानजनक ही नहीं बल्कि यह अक्षम्य अपराध हैं.
किसी का नाम लिए बगैर, जत्थेदार ने कहा, “जिस तरह से कुछ लोग कश्मीरी बेटियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं, उसने भारत की छवि को चोट पहुंचाई है. इस तरह की टिप्पणियां महिलाओं को वस्तु की तरह पेश करती हैं. ये लोग भूल जाते हैं कि महिला भी एक माँ, बेटी, बहन और पत्नी होती है। यह महिलाएं ही हैं जिनके पास सृजन की शक्ति है ”।
किसी का नाम लिए बगैर उनहोंने कहा कि “जो भीड़ आज कश्मीरी महिलाओं को अपना निशाना बना रही है यह वही भीड़ थी जो 1984 के सिख दंगों में सिख महिलाओं पर हमले कर रही थी.”
“कश्मीरी महिलाएं हमारे समाज का हिस्सा हैं. यह हमारा धार्मिक दायित्व है कि हम उनके इज्ज़त की रक्षा करें. सिख को आगे आकर कश्मीरी महिलाओं के इज्ज़त की रक्षा करनी चाहिए. यह हमारा कर्तव्य है और यही हमारा इतिहास है,” उनहोंने कहा.
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इसी बीच, दिल्ली के एक सिख कार्यकर्त्ता हरमिंदर सिंह अहलुवालिया ने 4 लाख इकठ्ठा कर 34 कश्मीरी लड़कियों को महाराष्ट्र के पुणे से श्रीनगर उनके घर पहुँचाया. अहलुवालिया स्वयं दो अन्य सिख कार्यकर्ताओं के साथ उनके घर गए.
ज्ञात रहे कि अभी कुछ दिनों पहले ही हरियाणा के मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत कई भाजपा नेताओं ने आपत्तिजनक बयान दिया था. इस पर कई लोगों ने खट्टर और अन्य नेताओं की जमकर खिंचाई की. खट्टर को इसके लिए सफाई भी पेश करनी पड़ी.