
पुण्य प्रसून वाजपेयी का साल भर में यह दूसरा इस्तीफ़ा है. इसी वर्ष वाजपेयी को आज तक की नौकरी से तब हाथ धोना पड़ा था जब इन्होंने आज तक के थर्ड डिग्री कार्यक्रम में बाबा रामदेव पर टैक्स चोरी का आरोप लगाया था. बाबा रामदेव ने तब लाइव प्रोग्राम में कहा था यह मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा
नई दिल्ली प्रधान मंत्री मोदी के मन की बात में महिला से कृषि में हुए दोहरी आय का गुणगान करवाने वाली केंद्र सरकार का जब पोल खुला तो एक बड़े चैनल के दो लोगों को एक के बाद एक अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी.
एबीपी न्यूज़ नेटवर्क के मैनेजिंग डायरेक्टर मिलिंद खांडेकर के इस्तीफे के बाद चर्चित कार्यक्रम मास्टर स्ट्रोक के एंकर पुण्य प्रसून वाजपेयी के इस्तीफे के बाद मोदी सरकार की तानाशाही रवैये की पोल खुल गयी.
मिलिंद खांडेकर ने अपने इस्तीफे की जानकारी ट्वीट के माध्यम से लोगों को दी. “14 बरस और 8 दिनों के बाद आगे बढ़ने का समय आ गया. आज मेरा एबीपी न्यूज़ नेटवर्क के साथ अंतिम दिन था. मेरी यात्रा में अब तक साथ देना का धन्यवाद” उनहोंने यह ट्वीट 1 अगस्त को करके अपने इस्तीफे की जानकारी दी.
14 years & 8 days later it’s time to move on. Today was my last day as Managing Editor @abpnewstv . Thank you for being part of my journey so far.
— Milind Khandekar (@milindkhandekar) August 1, 2018
वाजपेयी ने अपने इस्तीफे की खबर द मोर्निंग क्रॉनिकल समेत कई मीडिया समूहों को दिया हालांकि उनहोंने न ही इसका सार्वजनिक एलान किया और न ही इस्तीफे के पीछे के कारणों को ज़ाहिर किया.
मिलिंद खांडेकर के इस्तीफे को सुन कर कमर वहीद नकवी ने ट्वीट में लिखा है कि यह हैरत की बात है. “बहुत ही आश्चर्यजंक मिलिंद. मैं कभी कभी ही इन दिनों न्यूज़ चैनल देखता हूँ और इसके कारण स्पष्ट हैं, लेकिन जब कभी भी देखता हूँ तो टीवी पर खबरों के लिए एबीपी न्यूज़ ही देखता हूँ, एबीपी न्यूज़ खरी और बकवास रहित ख़बरों के कारण मेरा प्रिय चैनल रहा है. बहरहाल, यह जीवन का हिस्सा है. शुभकामनाएं.” नकवी ने मिलिंद को ट्वीट में लिखा. क़मर वहिद नकवी को इंडिया टीवी पर मोदी के दिए गए साक्षात्कार को स्क्रिप्टेड बताने के बाद हटा दिया गया था. तब से वह अपना रागदेश के नाम से ब्लॉग चलाते हैं.
Very surprising news Milind. I rarely watched News Channels these days for obvious reasons, but on rare occasions whenever I had to see news on TV, ABP News used to be my favorite channel for crisp, no nonsense news delivery. Anyway it’s all part of life. Best Wishes.
— Qamar Waheed Naqvi (@qwnaqvi) August 1, 2018
एबीपी न्यूज़ जिसका स्वामित्व कोलकाता से प्रकाशित आनंद बाज़ार पत्रिका के पूर्व मुख्य संपादक अवीक सरकार के पास है. इन दिनों मोदी सरकार के विकास के खोखले दावों को उजागर करने के मामले में एबीपी अग्रणी रही है. एबीपी न्यूज़ के पुण्य प्रसून वाजपेयी के अलावा अभिसार शर्मा भी केंद्र सरकार की आलोचना करते रहे हैं. शर्मा के बारे में भी कहा जा रहा है कि उन्हें लंबी छुट्टी पर भेजा चुका है.
इससे पहले आज तक पर थर्ड डिग्री प्रोग्राम में रामदेव से तीखे प्रश्न पूछने पर वाजपेयी को इस्तीफा देना पड़ा था हालांकि इस खबर को रामदेव के दबाव में कहीं खबर नहीं बनाया गया. आज तक से हटने या हटाए जाने के बाद वाजपेयी ने 23 मार्च 2018 को एबीपी न्यूज़ में सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर का पदभार संभाला था. आते ही उनहोंने पिछले महीने होने वाले मन की बात में छत्तीसगढ़ की एक महिला का स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसने मन की बात में लोगों को बताया था कि केंद्र सरकार की योजनाओं के कारण ही कृषि से उसकी आय दोगुनी हो गयी है. जब एबीपी न्यूज़ के संवाददाता ने उस महिला से बाद में पूछा तो उसने बताया कि यह पूरी कहानी ही स्क्रिप्टेड थी और उसे ऐसा कहने के लिए दिल्ली से आए एक अधिकारी ने कहा था.
इस घटना पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि प्रधानमंत्री जी अपने मन की बात तो सुनाते ही हैं वह लोगों से भी उनके मन की ही बात सुनना चाहते हैं. इस ट्वीट में राहुल ने उस वीडियो को भी टैग किया था जिसमें उस महिला ने इसका भंडाफोड़ किया था.
PM जी अपनी मन की बात सुनाते हैं यह तो सभी जानते थे। आज यह मालूम पड़ रहा है कि वह सिर्फ अपने ही मन की बात सुनना भी चाहते हैं । pic.twitter.com/dEqvklqtRR
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 9, 2018
मीडिया जानकार का कहना है कि एबीपी न्यूज़ से दो लोगों का इस्तीफा असल में इसी बात का परिणाम है. प्रसून वाजपेयी लगातार अपने फेसबुक पर भी सरकार के खिलाफ लिखते रहे हैं जो सच लेकिन आक्रामक हैं.
रामचंद गुहा ने द वायर में प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए इन इस्तीफों को अमित शाह की चेतावनी का परिणाम बताया है. “भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संसद सदन में पिछले हफ्ते कहा था कि वह एबीपी न्यूज़ के कुछ पत्रकारों को सबक सिखाएंगे” गुहा ने ट्वीट में कहा.
“BJP president Amit Shah told a group of journalists in parliament house last week that he planned to ‘teach ABP News a lesson’.”: https://t.co/APaGG9sXXO
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) August 3, 2018
खैर इससे यह बात तो साफ़ है कि जैसे जैसे चुनाव आ रहे हैं केंद्र सरकार की तानाशाही बढती जा रही है. जानकार लोगों का कहना है कि इन इस्तीफों के बाद मीडिया में डर का माहौल पैदा होना स्वाभाविक है.