
RTI कानून के इस्तेमाल को लेकर दूसरे देशों के मुकाबले भारत लगातार पिछड़ रहा है। 123 देशों में सूचना का अधिकार कानून के तहत लोगों को मिलने वाली जानकारी को लेकर रिपोर्ट सामने आई है। ताजा रैकिंग में भारत चौथे नंबर से फिसल कर छठे नंबर पर पहुंच गया है। भारत अब श्रीलंका, मेक्सिको और अफगानिस्तान से भी पीछे हो गया है।
हालांकि इससे पहले जब साल 2011 में अलग-अलग देश में आरटीआई की स्थिति को लेकर रेटिंग की गई थी। उस वक्त भारत दूसरे स्थान पर था। 2014 में भारत 128 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर खिसक गया। 2016 में भी भारत चौथे स्थान पर पहुंच गया। वहीं, 2017 में भारत और फिसलकर पांचवें स्थान पर पहुंच गया।
चौंकाने वाली बात यह है कि भारत से 11 साल बाद आरटीआई कानून बनाने वाला श्रीलंका 131 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गया।
यह रेटिंग एक्सेस इंफो यूरोप और सेंट्रल फॉर लॉ एंड डेमेक्रेशी की तरफ से जारी की गईी है। इसमें रिपोर्ट में इस आधार पर रैंकिंग की गई है कि किस देश में सूचना के अधिकार के लिए बना कानून किस तरीके से काम कर रहा है। इसके लिए 150 अंको का स्केल तय किया गया था जिसके तहत इन देशों के सूचना के अधिकार से जुड़े इस कानून की मजबूती और कमजोरी को आंका गया है।