
केरल के प्रसिद्ध सबरीमला मंदिर के द्वार बुधवार को सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुल गए हैं। महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का केरल में लगातार विरोध हो रहा है।
12वीं सदी के भगवान अयप्पा के मंदिर में पहली बार महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी गई। लेकिन, हर आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में हजारों श्रद्धालु सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने कई महिलाओं को मंदिर की ओर जाने से रोका।
न्यूज18 की पत्रकार समेत तीन महिला पत्रकारों पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया। एक महिला पत्रकार पर गंभीर हमले की रिपोर्ट भी है। उनकी गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की है.
विरोध हिंसक होने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, 50 लोगों को हिरासत में लिया गया। कुछ हिस्सों में धारा 144 लगाई गई। हिंसा की घटनाओं पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है।
इस मामले में राज्य की सामाजिक न्याय मंत्री केके शैलजा ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह जान-बूझकर किया जा रहा है। वे (प्रदर्शनकारी) गंदी राजनीति कर रहे हैं। हम यह भी नहीं कह सकते कि वास्तव में वे भक्त भी हैं या नहीं। ’’ इससे पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने श्रद्धालु की रक्षा और विरोध करने वालों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया था।