सत्य पाल मल्लिक बिहार के गवर्नर पद से हटे, जम्मू कश्मीर भेजे गए, शिक्षा माफ़ियाओं को मिलेगी राहत




लालजी टंडन और सत्य पाल मल्लिक (बाएँ)

बिहार के गवर्नर सत्य पाल मल्लिक को आज बिहार से रुखसत होना पड़ा. अब वह गवर्नर के तौर पर जम्मू कश्मीर की कमान संभालेंगे. सत्य पाल मल्लिक ने बिहार के गवर्नर का पद 30 सितम्बर, 2017 को ही संभाला था. वह 28 मई तक ओडिशा का भी गवर्नर पद संभाल रहे थे. मल्लिक दो सालों तक 1989 से 1991 तक अलीगढ के सांसद भी रहे थे. वह विधायक भी रहे थे. भाजपा में आने से पहले मल्लिक जनता दल, लोक दल, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में भी थे.

सत्य पाल मल्लिक के बदले लालजी टंडन को बिहार का राज्य पाल बनाया गया है. सत्य पाल मल्लिक बिहार की गिरती शिक्षा व्यवस्था को ले कर चिंतित थे और उन्होंने शिक्षा माफिया पर नकेल कसना शुरू किया था. टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार बिहार के पूर्व गवर्नर ने कहा था कि उन पर बीएड के लिए राज्य स्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (CET) को लेकर बहुत दबाव था. उनहोंने राज्य में बीएड में नामांकन को लेकर कहा था कि बीएड के नामांकन में शिक्षा माफिया की बहुत भूमिका है. उनहोंने कहा था कि उनके अधिकारी इन शिक्षा माफिया को लेकर बहुत दबाव में भी रहे हैं.

सूत्रों की मानें तो शिक्षा माफिया सत्य पाल मल्लिक के कार्य शैली को लेकर खुश नहीं थे और उनकी कमाई पर अंकुश लगा हुआ था. ऐसा माना जा रहा है कि सत्य पाल मल्लिक का इतनी जल्दी ट्रांसफर के पीछे शिक्षा माफिया की ही हाथ है. बिहार में अधिकतर बीएड कॉलेज नेताओं के ही है.

सत्यपाल मल्लिक के अतिरिक्त कई और राज्यपालों के राज्य बदले गए हैं जबकि कुछ नए लोगों को राज्यपाल बनाया गया है. सत्यपाल मल्लिक को जम्मू कश्मीर के गवर्नर एन एन वोहरा की जगह दी गयी है. एन एन वोहरा ने जम्मू कश्मीर में 2008 से ही गवर्नर पद संभाल रखा था. जम्मू कश्मीर में अभी गवर्नर शासन लागू है. मल्लिक मुफ़्ती मुहम्मद सईद के साथ वी पी सिंह के कैबिनेट में थे.

सत्यदेव नारायण आर्य को कप्तान सिंह सोलंकी की जगह हरियाणा का गवर्नर बनाया गया है. सोलंकी नीतीश कुमार सरकार के मंत्री भी रह चुके हैं और बिहार के रहने वाले हैं. सोलंकी को त्रिपुरा का गवर्नर पद दिया गया है. तथागत रॉय को त्रिपुरा से हटा कर मेघालय का गवर्नर बनाया गया है.

गंगा प्रसाद को मेघालय से हटा कर सिक्किम का नया गवर्नर बनाया गया है. बेबी रानी मौर्य को को उत्तराखंड का गवर्नर बनाया गया है. मौर्य आगरा की महापौर रही हैं. वह के के पॉल की जगह आई हैं.

कौन हैं लालजी टंडन?

2009 में जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति से दूर हुए और उनकी ऐतिहासिक लखनऊ लोकसभा सीट खाली हुई तो लालजी टंडन को ही बीजेपी ने उनका उत्तराधिकार सौंपा गया था. लालजी टंडन भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और वाजपेयी के करीबी माने जाते थे.

लालजी टंडन का जन्म लखनऊ में 12 अप्रैल 1935 को हुआ. 1958 में उनका विवाह कृष्णा टंडन से हुआ. पढ़ाई वह स्नातक हैं. उनके पुत्र गोपाल जी टंडन इस समय उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री हैं.

सभासद से संसद और अब राजभवन का सफर तय करने वाले लालजी टंडन का 90 के दशक में प्रदेश में बीजेपी और बसपा गठबंधन की सरकार बनाने में भी अहम योगदान माना गया. बसपा सुप्रीमो मायावती को उन्होंने बहन माना और उनसे राखी भी बंधवाई.

1978 से 1984 तक और 1990 से 96 तक लालजी टंडन दो बार उत्तर प्रदेश विधानपरिषद सदस्य रहे. इस दौरान 1991-92 की यूपी सरकार में वह मंत्री रहे. इसके बाद वह 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. 1997 में में वह नगर विकास मंत्री रहे. यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे.

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