
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने शनिवार को कहा कि राफेल लड़ाकू विमान करार के मामले में न केवल भ्रष्टाचार हुआ, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता भी हुआ. बोफोर्स कांड 64 करोड़ रुपए के कमीशन का मामला था, लेकिन उसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौते का पहलू नहीं था.’
उन्होंने कहा, ‘राफेल करार में 20,000 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. इससे पहले प्रशांत भूषण ने दावा किया था कि राफेल लड़ाकू विमान सौदा इतना बड़ा घोटाला है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि ऑफसेट करार के जरिए अनिल अम्बानी के रिलायंस समूह को दलाली (कमीशन) के रूप में 21,000 करोड़ रुपये मिले.
अंबानी ने इससे पहले आरोप से इनकार किया था. भूषण ने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने केवल सौदे में अनिल अंबानी की कंपनी को जगह देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया, भारतीय वायु सेना को बेबस छोड़ दिया.
वहीं बीते 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वे 10 दिन के भीतर राफेल सौदे की कीमत और रणनीतिक जानकारी साझा करे.
सुप्रीम कोर्ट राफेल विवाद को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिंहा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की याचिका समते कई अन्य जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. इस मामले में अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.
(भाषा से इनपुट के साथ)