मशहूर अभिनेता शशि कपूर का निधन




शशि कपूर (चित्र साभार: विकिपीडिया)

-द मॉर्निंग क्रॉनिकल हिंदी डेस्क

मुंबई (महाराष्ट्र), 04 दिसम्बर, 2017 | बॉलीवुड के मशहूर रोमांटिक अभिनेता शशि कपूर का 79 साल की आयु में आज शाम मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे।



शशि कपूर का जन्म 18 मार्च 1938 को “मुग़ले आज़म के अकबर” पृथ्वी राज कपूर के यहाँ हुआ। बलबीर राज कपूर (वास्तविक नाम) से बने शशि कपूर ने बाल कलाकार से लेकर थिएटर और फिर रुपहले परदे पर कई किरदारों में नज़र आए। आवारा में राज कपूर के बचपन का किरदार निभाने वाले शशि कपूर ने गोडफ्रे कैंडल के थिएटर ग्रुप ‘शेक्सपियराना’ में शामिल हो कर दुनिया भर की सैर की और फिर उन्हीं की बेटी से 20 वर्ष की आयु में प्रेम करके विवाह कर लिया. उनहोंने अपने फ़िल्मी करियर के शुरूआती दौर में जेम्स आइवरी निर्देशित शेक्सपियर वाला और द हाउसहोल्डर जैसी अंग्रेज़ी और हिंदी मिश्रित फ़िल्मों में बतौर कलाकार काम किया। कुछ धार्मिक फिल्मों में भी काम किया।

शेक्सपियर वाला मूवी का एक दृश्य

शशि ने बतौर नायक फ़िल्मी करियर की शुरुआत यश चोपड़ा की फ़िल्म “धर्मपुत्र” से की और इस तरह से एक एक बाद एक लगभग 116 फिल्मों में काम किया जिनमें अकेले नायक वाली 61 फ़िल्मों में और एक से अधिक नायकों वाली लगभग 55 फ़िल्मों में काम किया।

शशि और अमिताभ बच्चन की जोड़ी को दर्शकों ने पसंद किया और फिर इस जोड़ी ने त्रिशूल और दीवार जैसी हिट फ़िल्में दी। दीवार फ़िल्म का डायलॉग ‘मेरे पास माँ है’ आज भी शशि की याद को ताज़ा कर देती हैं।

इनकी मुख्य फ़िल्मों में ‘चोरी मेरा काम’, ‘फांसी’, ‘शंकर दादा’, ‘दीवार’, ‘त्रिशूल’, ‘मुकद्दर’, ‘पाखंडी’, ‘कभी-कभी’ और ‘जब जब फूल खिले’ रहीं।

शशि कपूर को कई पुरस्कार मिले। 1976 में फ़िल्मफ़ेयर का सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला। 1985 में श्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला। 2010 में ख़य्याम के साथ फ़िल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला।  2011 में उन्हें पद्म भूषण और 2015 में दादा साहब फाल्के अवार्ड मिला।

 

 

 

 

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