
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी दलों की ओर से महागठबंधन बनाने के प्रयासों को जमीनी हकीकत से दूर बताया. येचुरी ने राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन संभव नहीं होने की बात कही.
येचुरी ने सोमवार को सीपीएम की तीन दिवसीय केंदीय समिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में पार्टी की चुनावी रणनीति के बारे में बात करते हुए कहा कि पार्टी की केंद्रीय समिति ने अलग-अलग राज्यों में धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ आपसी समझ के आधार पर चुनावी सहयोग कायम करने का फैसला किया है.
पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में चुनावी सहयोग वाले दलों में कांग्रेस को भी शामिल करने के सवाल पर येचुरी ने कहा, “सीपीएम केंद्रीय समिति ने आगामी लोकसभा और पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए तीन मुख्य लक्ष्य तय किए हैं. पहला बीजेपी को हराना, दूसरा सीपीएम को मजबूत करना और तीसरा चुनाव के बाद वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष सरकार का गठन करना.”
समिति की बैठक में भाजपा शासित त्रिपुरा के स्थानीय निकाय चुनाव में व्यापक पैमाने पर हुई गड़बड़ियों, गुजरात में बाहरी राज्यों के लोगों पर हो रहे हमलों पर भी पर भी चर्चा की.