सुन्नी मुस्लिम उलेमा ने तीन तलाक अध्यादेश के खिलाफ दायर की याचिका




तीन तलाक को अपराध घोषित करने संबंधी अध्यादेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गयी है। सुन्नी मुस्लिम उलेमा संगठन ‘समस्त केरल जमीयत-उल उलेमा ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर करके इस संबंध में हालिया अध्यादेश को चुनौती दी है।

संगठन ने वकील पी एस जुल्फीकर के जरिये दायर अपनी याचिका में कहा है कि मुस्लिम महिला अध्यादेश 2018 संविधान के अनुच्छेद 14, 15 ओर 21 का उल्लंघन है।

याचिककर्ता का कहना है कि सरकार ने तीन तलाक अध्यादेश लाने के लिए संविधान के अनुच्छेद का दुरूपयोग किया है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 19 सितम्बर को इस बाबत अध्यादेश जारी किया था, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोङ्क्षवद ने मंजूरी दे दी थी और गजट में प्रकाशित होने के साथ ही वह उसी दिन से अमल में आ गया।

इस अध्यादेश के माध्यम से सरकार ने तीन तलाक को गैर-कानूनी बनाया है और इसके तहत 3 साल तक की जेल की सजा हो सकती है। तीन तलाक से संबंधित विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है लेकिन राज्यसभा में यह अटक गया था। इसके मद्देनजर सरकार यह अध्यादेश लाई है।

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