
उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनएमसीडी) के अंतरगत आने वाले वजीराबाद के एक स्कूल में छात्रों को कथित तौर पर हिंदू और मुसलमान सेक्शनों में बांटने के मामले में कड़ी कार्रवाई की गई है। स्कूल इंचार्ज को हिंदुओं और मुस्लिमों छात्रों को अलग-अलग सेक्शनों में बिठाए जाने के आरोप के निलंबित कर दिया गया है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने बुधवार को अपनी खबर में बताया था कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा वजीराबाद में तैनात कुछ शिक्षकों कथित रूप से एक प्राथमिक विद्यालय में हिंदू और मुस्लिम छात्रों को अलग-अलग सेक्शनों में बांट रहे हैं।
शिक्षा विभाग ने बुधवार को एक वरिष्ठ अधिकारी को वजीराबाद में एक स्कूल का निरीक्षण करने के लिए भेजा गया था जहां उन्होंने पाया कि धर्म के आधार पर छात्रों को अलग-अलग बांट दिया गया है। जांच में यह बात भी सामने आई है कि, इस मामले की जानकारी स्कूल प्रभारी को भी थी लेकिन इस सिलसिले में उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया।
डीसीपीसीआर ने कहा, ‘नोटिस में स्कूल प्रमुख को यह निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों का बीते छह महीने का अटेंडेंस का रिकॉर्ड और जुलाई में हुए सेक्शन बंटवारे से पहले और बाद किस क्लास में कितने बच्चे हैं, इसकी जानकारी दें। बच्चों को अलग-अलग सेक्शन में किस आधार पर डाला गया है, अलग-अलग कक्षाओं में अलग-अलग धर्म के बच्चों को बैठाने का कारण बताएं।’
आयोग ने एनडीएमसी के शिक्षा निदेशक को इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने और घटनाओं का विवरण आयोग के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया है। डीसीपीसीआर ने यह भी आदेश दिया है कि इस तरह की घटना को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी शुक्रवार तक रिपोर्ट मांगी है. सिसोदिया ने एक ट्वीट में कहा, ‘भाजपा शासित एमसीडी स्कूल में धर्म के आधार पर बच्चों को अलग-अलग कमरों में बिठाने की यह हरकत देश के संविधान के खिलाफ सबसे बड़ी साजिश है। मैंने दिल्ली के शिक्षा निदेशक को मामले की पूरी जांच कर शुक्रवार तक रिपोर्ट देने को कहा है।’
आपको बतातें चलें कि मीडिया में बुधवार को प्रकाशित खबरों के अनुसार, स्कूल के छात्रों के अभिभावकों तक को इस बारे में जानकारी नहीं है।