स्वामी अविमुक्तेश्नरानंद ने राम भक्त मुसलमान को बताई औक़ात, कहा ज़्यादा रामभक्ति दिखाई तो टांग तोड़ देंगे




फैज़ खान गौसेवक और कथावाचक हैं और आरएसएस की संस्था मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सक्रिय कार्यकर्त्ता हैं और आरएसएस के चिंतक और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक इन्द्रेश कुमार से घनिष्ट संबंध है.

अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होगा. श्री राम के ननिहाल चंद्रखुरी गांव की प्रसिद्ध कौशल्या माता मंदिर की मिट्टी लेकर रायपुर निवासी मोहम्मद फैज़ खान निकल चुके हैं. राम भक्त फैज़ भूमि पूजन में मिट्टी चढ़ाना चाहते हैं. लेकिन स्वामी अविमुक्तेश्नरानंद ने उन्हें दूर रहने की धमकी दी है. यह भी कहा कि ज़्यादा भक्ति दिखाई तो टांग तोड़ देंगे.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यह भी कहा कि अगर फैज़ खान सच्चे राम भक्त हैं और भूमि पूजन में उनकी श्रद्धा है, तो उन्हें पहले हिंदू धर्म स्वीकार करना चाहिए और पश्चाताप करना चाहिए.

अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन कार्यक्रम होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल होंगे. राम के कई भक्त इसमें शामिल होना चाहते हैं और इनमें से एक हैं छत्तीसगढ़ के फैज़ खान, जो श्री राम के ननिहाल की मिट्टी लेकर अयोध्या में इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन उनके इस प्रयास पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कठोर आपत्ति जताई है.

भगवान राम के मुस्मिल भक्त फैज खान छत्तीसगढ़ के रायपुर से 800 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर अयोध्या में होने वाले भूमि पूजन का हिस्सा बनने निकले हैं. इस दौरान रास्ते में उन्होंने भगवान राम के ननिहाल चंद्रखुरी गांव से प्रसिद्ध माता कौशल्या मंदिर की मिट्टी भी अपने साथ रखी हुई है.

भूमि पूजन के लिए देश के कई हिस्सों की पवित्र मिट्टी लायी जा रही है और फैज़ खान इस मिट्टी को भी वहां सौंपना चाहते हैं, लेकिन स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को ये बात पसंद नहीं आई और उन्होंने कहा कि इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी.

अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “मुसलमान दूर रहें मंदिर से. हमारा नारा है कि रोटी में, बेटी में और पूजा में हम किसी हालत में पराए को स्वीकार नहीं करेंगे.”

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि “अगर हमारी पूजा-पाठ में, हमारे मंदिर के निर्माण में खबरदार जो आगे कदम बढ़ाया, हम टांग तोड़ देंगे.”

मीडिया सूत्रों के अनुसार, गौ सेवक और कथा वाचक फैज़ खान रायपुर के चंद्रखुरी (छत्तीसगढ़) स्थित कौशल्या के जन्मस्थान से मिट्टी लेकर 23 जुलाई को चले हैं और 4 अगस्त को अयोध्या पहुंच जाएंगे. अयोध्या के लिए निकलने के दौरान फैज़ ने कहा था कि वह श्रीराम बोलकर खुद से ही सेवाभाव में लगे हैं.

फैज़ ने चंद्रखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर से मिट्टी लेकर पंडितों की मौजूदगी में मंत्रोच्चार के साथ चांदी की डिब्बी में भरी थी. मंदिर की परिक्रमा कर जय श्रीराम लिखे लाल कपड़े में इस डिब्बी को बांधकर यात्रा के लिए निकले थे. चंद्रखुरी मंदिर में भगवान राम को गोद में लिए माता कौशल्या की मूर्ति है.

सूत्रों के अनुसार, फैज़ खान नाम मात्र के ही मुसलमान हैं. वह गौसेवा और कथा वाचन में लगे रहते हैं. आरएसएस के राष्ट्रीय मुस्लिम मंच से वह जुड़े हैं. और राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संस्थापक इन्द्रेश कुमार के बहुत नज़दीकी बताए जाते हैं.

आरएसएस के एक प्रचारक ने स्वामी की आपत्ति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि स्वामी ने ठीक कहा. फैज़ नाम का ही है तो मुसलमान न. अगर उसे हिन्दू धर्म से प्रेम है तो वह हिन्दू धर्म अपना ले और जो हिन्दू धर्म अपनाने की विधि है वह अपना लें.

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