विशेष

जब जनता ही संवेदनहीन हो जाए तो सत्ता क्या करे

-समीर भारती आज के परिप्रेक्ष्य में सत्ता समाज सेवा और देश सेवा के लिए नहीं हथियाई जाती है. सत्ता उपभोग की वस्तु बन गयी है और इसमें 5 साल के लिए कम से कम न […]