ओपिनियन

भारतीय लोकतंत्र और मुसलमानों का प्रतिनिधित्व

-उमर खालिद हमारा देश एक ऐसे दौर से गुज़र रहा है, जहा नफ़रत, साम्प्रदायिकता और हिंसा आम बात हो गई। इस बहुसंख्यकवादी दौर में मुसलमान होना, मुसलमान जैसा दिखना, अपराध सा बना दिया गया है।कब्रिस्तानों […]