विशेष

आखिर यह सब कैसे हुआ? : कर्नल की डायरी, पन्ना 7

वह एक निर्णायक रात थी. अंग्रेज़ों का डर और आतंक ख़त्म करने के लिए नेताजी ने एक योजना बनाया था. अब तक वह इस योजना का खाका बना चुके थे. इस खाके के अनुसार उन्होंने […]

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वो सत्रह लड़कियां…: कर्नल की डायरी – पन्ना 5

रंगून के दिनों की याद आज भी रोमांच से भर जाती है. आज़ाद हिन्द फ़ौज में भर्ती होने वालों का तांता लग गया था. हज़ारों युवक-युवतियों ने अपनी जिंदगी आज़ाद हिन्द फ़ौज को सौंप देने […]