
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली भाजपा के अब सुर बदल गए हैं। तेलंगाना विधानसभा चुनाव के बाद टीआरएस पर आरोप लगाने वाली बीजेपी अब साथ मे आना चाहती है।
दरअसल तेलंगाना में विधानसभा चुनाव 2018 के लिए सभी 119 सीटों पर 7 दिसंबर को मतदान हो चुके हैं। अब सभी की नजरें 11 दिसंबर को आने वाले चुनाव परिणामों पर टिक गई है। एग्जिट पोल के नतीजों के बाद राज्य में सियासी उथल पुथल भी तेज हो गई है। ऐसे में भाजपा ने कहा है कि अगर 11 दिसंबर को काउंटिंग के बाद तेलंगाना में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी तो वह सरकार बनाने के लिए टीआरएस का साथ देगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया के खबर के मुताबिक भाजपा के तेलंगाना अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने कहा कि किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में भाजपा टीआरएस का समर्थन करेगी लेकिन केवल इस शर्त पर की पार्टी प्रमुख के चंद्रशेखर राव एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से दूरी बना लें। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ऐसी सरकार को समर्थन करना चाहती है जिसमें कांग्रेस और एआईएमआईएम न हो।
बताते चलें कि ओवैसी ने मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में टीआरएस के कैंडिडेट्स के लिए प्रचार भी किया है। शुक्रवार को वोटिंग के बाद सामने आए 3 एग्जिट पोल्स में से 2 तेलंगाना में टीआरएस को बहुमत आने का दावा कर रहे हैं। वहीं तीसरे एग्जिट पोल में टीआरएस के लिए 48 से 60 सीटों की उम्मीद जताई गई है। बता दें कि तेलंगाना विधानसभा में सदस्यों की संख्या 119 है।