
हैदराबाद : आम चुनाव नजदीक आते ही एनडीए जहां अपना किला बचाने की कोशिश में है. वहीं यूपीए महागठबंधन की दिशा में आगे बढ़ रही है. वहीं महागठबंधन की राह में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर सबसे बड़ा रोड़ा बनकर सामने आ रहे हैं. वह गैर बीजेपी और गैर कांग्रेसी ताकतों को इकट्ठा करने की कोशिशों में जुट गए हैं.
दरअसल मुख्यमंत्री केसीआर की निगाहें ओडिशा में बीजेडी और बंगाल में ममता बनर्जी को साथ लाने की हैं. इसके अलावा वह यूपी में सपा और बसपा को भी इसका हिस्सा बनाना चाहते हैं. ऐसे में संभव है कि दिल्ली में उन्हें केजरीवाल का भी साथ मिल जाए.
किसका फायदा किसका नुकसान
महागठबंधन के आकार न लेने की सूरत में बड़ा फायदा बीजेपी को मिलेगा. वहीं महागठबंधन में तृणमूल, बेजेडी और टीआरएस जैसे बड़े प्लेयर के बाहर हो जाने से कांग्रेस की उम्मीदों को बड़ा झटका लगेगा.