
नई दिल्ली : राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच तीन तलाक बिल पर चर्चा कर रही विपक्ष की मांग है कि करोड़ों लोगों की जिंदगी पर असर डालने वाले इस बिल को पहले सलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही को 2 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
बता दें कि विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच लंबे अरसे से अटका तीन तलाक विधेयक लोकसभा से पास हो गया था। इसी क्रम में जम्मू- कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि इस बिल के जरिये वे हमारे घर में घुस रहे हैं। इससे परिवारिक जीवन प्रभावित होता है। औरत और पुरुष दोनों आर्थिक तौर पर परेशानी झेलते हैं।
वही ट्रिपल तलाक पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के माजिद मेमन ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं नहीं चाहती हैं कि यह बिल पास होना चाहिए। ढोल बजाया जा रहा है। मोदी जी की सरकार की तरफ से कि मुस्लिम महिलाओं को काफी परेशानी है, और यह बिल उनके अधिकारों को दिलाएगा। सच्चाई तो यह है कि मुस्लिम महिलाओं के घरों को तोड़ने की साजिश इस बिल के जरिए हो रही है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राज बब्बर ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के पतियों को अपराधी बनाकर उन्हें अपराधी के तौर पर खड़ा करने जा रहे हैं। मैं यह चाहता हूं कि इसे पहले सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए। उसके बाद इस पर चर्चा होनी चाहिए।
आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित किया है। असंवैधानिक घोषित हो गया है तो उसे आपराधिक क्यों घोषित करना चाहते हैं। इसका मतलब यह है कि मुस्लिम महिलाओं को अधिकार दिलाने की चिंता नहीं है। जबकि अपनी 2019 में राजनीति चमकाने की चिंता है।