
नई दिल्ली: तीन तलाक को गैर-कानूनी तथा गैर-जमानती अपराध बनाने संबंधी ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2018’ सोमवार को लोकसभा में पेश हो गया. जिसे लोकसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पेश किया है.
इससे पहले सरकार तीन तलाक बिल को मंजूरी दिलाने में नाकाम रही थी और इसे अध्यादेश के रास्ते लागू कराया था. यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं को एक साथ तीन तलाक के खिलाफ संरक्षण देने के लिए लाया गया है.
वहीं इस विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस के शशि थरूर ने यह कहते हुए कहा कि यह महिला उत्पीड़न रोकने जैसे वृहद मसलों की बजाय विधेयक एक समुदाय विशेष के लोगों के लिए कानून बनाने के उद्देश्य से लाया गया है.
राफेल मामले में राहुल गांधी से माफी की भाजपा सदस्यों की मांग सहित अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई .
Triple Talaq Bill has been tabled in the Lok Sabha. pic.twitter.com/eNScEBErc9
— ANI (@ANI) December 17, 2018
बताते चले कि इस विधेयक में तीन तलाक देने पर तीन साल की सजा का प्रावधान है. इसके लिए सरकार पहले ही अध्यादेश ला चुकी है. तीन तलाक को गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रखा गया है, हालांकि पत्नी की सहमति पर जिला मजिस्ट्रेट आरोपी पति को जमानत दे सकता है.