
हर दिन तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर एनडीए की सहयोगी और सरकार में शामिल शिवसेना ने बीजेपी पर हमला बोला है. शिवसेना ने मुंबई में जगह-जगह पोस्ट लगा पूछा है कि क्या यही अच्छे दिन हैं? पोस्टर में 2015 से लेकर 2018 के बीच पेट्रोल-डीजल और गैस के दामों में कितनी बढ़ोतरी हुई है, यह भी दिखाया गया है.
रविवार को दिल्ली में जहां पेट्रोल 80.50 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है वहीं डीजल 72.61 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया.
राजधानी दिल्ली में जनवरी महीने से पेट्रोल की कीमतों में 10.53 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है. इस साल के जनवरी में पेट्रोल की कीमत 69.97 रुपये प्रति लीटर थी, जो की अब 80.50 रुपये प्रति लीटर हो गई है.
इस मामले में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी शनिवार को कहा कि देश में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट है. केंद्रीय मंत्री की बातों से साफ़ तौर पर ये कहा जा सकता है कि सरकार फिलहाल डीजल पेट्रोल पर कर में कोई कटौती करने के मूड में नहीं है.
हालांकि भारतीय रुपयों के हिसाब से देखा जाए तो पड़ोसी देशों में तेल की कीमतें भारत से कहीं कम हैं. पाकिस्तान में पेट्रोल 57.83 रुपये, श्रीलंका में 64.12 रुपये, नेपाल में 68.30 रुपये और बांग्लादेश में पेट्रोल 73.06 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
गौरतलब है कि कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के खिलाफ 10 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. इसमें कांग्रेस को कई राजनीतिक पार्टियों का समर्थन भी प्राप्त है, जिसमें लालू यादव की राजद और डीएमके प्रमुख पार्टियां हैं.
इस मामले में बिहार के कांग्रेस अल्पसंख्यक अध्यक्ष मिन्नत रहमानी जी ने बताया कि बिहार में पटना में सुबह 8 बजे पटना जंक्शन चौराहा पर पेट्रोल,डीजल व रसोई गैस की आसमान छू रही महंगाई के खिलाफ जन हित में कांग्रेस ने कल 10 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। जिसमे इस बंद को राजद, वामपंथी, हम आदि तमाम दलों का समर्थन प्राप्त है.