
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार की संस्कृत, उर्दू और पंजाबी अकादमी में पढ़ाने वाले अनुबंध शिक्षकों का वेतन दोगुने से ज्यादा हो गया है। शिक्षा विभाग ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। बढ़ा हुआ वेतन 1 जुलाई 2017 से प्रभावी माना जाएगा।
अभी तक अकादमी के पीजीटी शिक्षकों को 21 हजार 291 रुपये वेतन मिलता था, जो अब बढ़कर 49 हजार 980 रुपये मिलेगा। वहीं, टीजीटी शिक्षकों का वेतन 20989 से बढ़कर 47145 रुपये कर दिया गया है। शिक्षा निदेशालय की तरफ से अकादमी के शिक्षकों का वेतन बढ़ाने के कदम का शिक्षकों ने स्वागत किया है। कई साल से अनुबंध पर पढ़ा रहे शिक्षकों को अपनी ही तरह पढ़ा रहे दूसरे शिक्षकों की अपेक्षा काफी कम वेतन मिलता था।
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के सलाहकार समिति के सदस्य मंजर अली खान ने आयोग से अकादमी शिक्षकों के वेतन बढ़ाने की सिफारिश की थी। मंजर अली ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि शिक्षकों को यह हक काफी पहले मिल जाना चाहिए था। शिक्षक 25-30 सालों से असमान वेतन पर सेवाएं दे रहे थे। अभी भी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 500 उर्दू और 700 पंजाबी के शिक्षकों के पद रिक्त हैं। सरकार को इन्हें जल्द भरना चाहिए।
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के पदाधिकारी शोएब राणा ने शिक्षकों का वेतन बढ़ाए जाने का स्वागत करते हुए मांग की कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत काम करने वाले लगभग 25 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षकों का वेतन भी बढ़ाया जाए। साथ ही सरकारी कर्मचारियों की तरह समान कार्य समान वेतन लागू किया जाए।