रोहिंग्या संकट : म्यांमार पर अमेरिका सख्त, लगा सकता है प्रतिबंध




नो मैन्स लैंड में रोहिंग्या (चित्र साभार: आईएएनएस)

-द मॉर्निंग क्रॉनिकल हिंदी टीम

वाशिंगटन, 24 अक्टूबर | अमेरिका मौजूदा रोहिंग्या संकट की वजह से म्यांमार, खासकर उसकी सेना पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। एफे न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से सोमवार को जारी बयान में म्यांमार के रखाइन प्रांत में 25 अगस्त को फैली हिंसा के बाद 600,000 रोहिंग्या मुस्लिमों के भागकर बांग्लादेश जाने पर चिंता जताई गई है।



बयान के अनुसार, “हम म्यांमार के रखाइन प्रांत में हाल की घटनाओं व रोहिंग्या व अन्य समुदायों के विरुद्ध हिंसा और दुर्व्यवहार पर अपनी गहरी चिता व्यक्त करते हैं।”

बयान में कहा गया है, “यह बहुत जरूरी है कि गैर-राजकीय तत्वों और तथाकथित स्वयंभू समाज रक्षकों समेत व्यक्तिगत या संस्थागत रूप से जो भी इन अत्याचारों के लिए जिम्मेदार है, उन पर कार्रवाई की जाए।”

सोमवार के इस बयान में अमेरिका ने कहा है कि वह वैश्विक मेग्निट्स्की कानून को लागू करने पर विचार कर रहा है जिसमें विश्व में कहीं भी मानवधिकार उल्लंघन के लिए दोषी लोगों के वीजा को स्थगित करना व अन्य प्रतिबंध शामिल हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने पहले ही रखाइन प्रांत में म्यांमार की सेना को सहायता बंद कर दी है और वाशिंगटन में किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सेना के कमांडरों के निमंत्रण वापस ले लिए हैं। इतना ही नहीं कई शीर्ष जनरलों और पूर्व सदस्यों के वीजा पर मिली छूट को निलंबित कर दिया गया है।

बयान के मुताबिक, अमेरिका अपने गठबंधन सहयोगियों से संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार परिषद और अन्य उपयुक्त जगहों पर रखाइन संकट के लिए जिम्मेदार लोगों पर जवाबदेही तय करने पर विचार कर रहा है।

2017 की शुरुआत में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कार्यालय छोड़ने के कुछ दिन पहले म्यांमार में मानवधिकार स्थितियों में सुधार का हवाला देकर सरकारी प्रतिबंध हटा लिया गया था।

-आईएएनएस

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1 Comment

  1. Insaniyat dum torti rahi mazhab ke naam par, per mazhab nahi sikhata apas mein bair rakhna.

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