
नई दिल्ली : तीन राज्यों की सत्ता से बीजेपी के बेदखल होने के बाद जो सबसे बड़ी बहस होती दिख रही है, वह यह कि 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी का अजेंडा क्या होगा/ वह हिंदुत्व को उभार देकर उसी के बूते 2019 को फतेह करने की कोशिश करेगी या फिर से विकास के अजेंडे को आगे करेगी।
हालांकि बीजेपी लगातार कह रही है कि विकास ही अजेंडा है लेकिन 2014 के बाद अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी की जो रणनीति दिखी और खासतौर से 2017 के बाद यूपी के सीएम महंत योगी आदित्यनाथ को जिस तरह से ‘पोस्टर बॉय’ बनाया गया, उससे यही संदेश निकलता दिखा कि पार्टी को अपने वोटबैंक को एकजुट करने के लिए हिंदुत्व को उभार देना ज्यादा फायदेमंद दिख रहा है।
इस तर्क को तब बल मिला जब हालिया चुनावों में शिवराज और रमण सिंह के बजाय बतौर सीएम कम अनुभवी सीएम योगी को फेस बनाया गया। बीजेपी की अगले माह राष्ट्रीय कार्यकारिणी होगी है जिसमें 2019 के लिए रोडमैप तय होने की उम्मीद है।