
Meerut : मेरठ में जातीय हिंसा की घटना पिछले तीन महीने में ये चौथी घटना है। दोनों ओर से हुए खूनी संघर्ष में करीब आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो हुए है। जिनमें से एक बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है।
दरअसल परतापुर थाना क्षेत्र के रिठानी गांव में स्वर्ण जाति के युवकों ने दलित समुदाय के कुछ युवकों पर जानलेवा हमला किया। जिसमे दोनों ही पक्षों के लोग बुरी तरह घायल हुए हैं।
बताया जा रहा है कि रिठानी गांव में दलित विकास का कई दिन पहले गुर्जर जाति के युवकों से रास्ते से निकलने को लेकर विवाद चल रहा है। जिसे बड़ों द्वारा निपटारा भी कराया जा चूका है लेकिन बीती मंगलवार शाम को दलित बिरादरी के विकास और उनके कुछ साथियों पर गुर्जर युवकों ने लाठी-डंडों से उन पर हमला बोल दिया। गांव में तनाव फैल गया और दोनों ही बिरादरी के लोग आमने-सामने आ गए।
स्थानीय ख़बरों के मुताबिक गांव में दोनों पक्षों में जबरदस्त फायरिंग और पथराव होता रहा, लेकिन पुलिस का एक घंटे तक भी कहीं पता नहीं था। फायरिंग और पथराव में दोनों ओर से करीब आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हुए। इन घायलों में एक छह साल का बच्चा भी शामिल है। जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
दलित जाति के लोगों का कहना है कि इस बवाल की जिम्मेदार पुलिस है। दो दिन पहले विवाद के बावजूद पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। जिस कारण अराजकतत्वों के हौसले बुलंद हुए।
इस बारे में जब एसएसपी ने लोकल मीडिया को बताया कि दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ तहरीर दी है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।